World Senior Citizen Day: अकेलापन, अपराध और सामाजिक दूरी बुजुर्गों को कर रही परेशान, देशभर में बुजुर्गों के खिलाफ लगातार बढ़ रहे मामले, जानिये इसका कारण और समाधान

World Senior Citizen Day: तुलसी दास जी ने लिखा है कि 'सुर नर मुनि सब कै यह रीति.. स्वारथ लागि करहिं सब प्रीति। ' मतलब स्वार्थ के लिए ही सब प्रीति (प्रेम) करते हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो रिश्तों में पैसा इतना अहम हो गया है कि बच्चों को बूढ़े और लाचार माता पिता खटकने लगे और उन्हें या तो अकेला असुरक्षित छोड़ दिया या फिर घर से बाहर ही निकाल फेंका।

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World Senior Citizen Day
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World Senior Citizen Day: आज पूरा विश्‍व वर्ल्‍ड सीनियर सिटीजन डे मना रहा है, बावजूद इसके अभी भी बुजुर्गों का एक तबका ऐसा है, जो इस दिन से, इसके महत्‍व से पूरी तरह से बेखबर है। बात अगर राजधानी दिल्‍ली और एनसीआर की करें तो पुलिस के रिकॉर्ड चौंकाने वाले खुलासे कर रहे हैं। पिछले 2 वर्षों के दौरान यहां बुजुर्गों के प्रति अपराध का ग्राफ बड़ी ही तेजी के साथ बढ़ा है।

तुलसी दास जी ने लिखा है कि ‘सुर नर मुनि सब कै यह रीति.. स्वारथ लागि करहिं सब प्रीति। ‘ मतलब स्वार्थ के लिए ही सब प्रीति (प्रेम) करते हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो रिश्तों में पैसा इतना अहम हो गया है कि बच्चों को बूढ़े और लाचार माता पिता खटकने लगे और उन्हें या तो अकेला असुरक्षित छोड़ दिया या फिर घर से बाहर ही निकाल फेंका।

उम्र के इस पड़ाव में कोई अकेला है तो किसी परिवार में संपत्ति विवाद के चलते इन पर अत्याचार हो रहे हैं। बुजुर्ग हमारे समाज का आधार हैं।ऐसे में इन्‍हें सम्‍मान और सुरक्षा प्रदान करना हमारा दायित्व बनता है। आइये जानते हैं सरकार से लेकर पुलिस तक बुजुर्गों की सुरक्षा और सहायता के लिए क्‍या कदम उठाए हैं।इसके साथ ही जानेंगे कुछ वरिष्‍ठ नागरिकों की राय, पुलिस और आरडब्‍ल्‍यूए पदाधिकारियों का तर्क। आखिर समाज में बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए क्‍या कानून हैं।

World Senior Citizen Day today : India has large Population of Senior Citizens.
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World Senior Citizen Day: बीते 3 वर्षों में बुजुर्गों के खिलाफ अपराध बढ़ा

हमारे देश के बुजुर्गों के साथ अपराध के मामलों में पिछले तीन सालों में बढ़ोतरी हुई है। यहां बात करते हैं बुजुर्गों के साथ हुईं उन घटनाओं की, जिन्होंने लोगों को झकझोर कर रख दिया।

केस 1: दिल्ली में पूर्व केंद्रीय मंत्री पीआर कुमारमंगलम की 70 वर्षीय पत्नी किट्टी कुमारमंगलम की उनके घर में हत्या कर दी गई थी। किट्टी कुमारमंगलम दक्षिण दिल्ली के पॉश इलाके वसंत विहार मे रहती थीं। हमलावरों को पता था कि किट्टी घर में अकेली रहती थीं, समृद्ध थीं। अपना कीमती सामान वो कहां रखती थीं, इसकी जानकारी हमलावरों को थी। हत्या करने वालों में धोबी और उनके दो सहयोगी थे। घटना पिछले साल की है।

केस 2 : अजमेर में जमीन-जायदाद को लेकर एक बुजुर्ग महिला के साथ बेटे व बहु ने मारपीट की। बुजुर्ग महिला ने पुलिस को शिकायत देकर आरोप लगाया था कि उसके बेटे व बहु ने उसे गला घोंटकर मारने का प्रयास भी किया। घटना दो महीने पहले की है।

केस 3: मध्य प्रदेश के मंडला जिले में अज्ञात लोगों ने एक बुजुर्ग दंपति और उनकी नाबालिग पोती की हत्या कर दी और बुजुर्ग महिला का सिर काटकर पेड़ पर लटका दिया। घटना तीन महीने पहले की है।

ये केस तो बानगी भर हैं। दरअसल वरिष्ठ नागरिकों को अपने निकटतम सर्कल से सबसे अधिक खतरा होता है। इनमें घरेलू सहायक, ​​चौकीदार या फिर उनके परिजन और रिश्तेदार होते हैं।

World Senior Citizen Day: जानें किन राज्यों में बुजुर्ग ज्यादा असुरक्षित ?

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किन राज्यों में बुजुर्ग ज्यादा असुरक्षित जीवन जी रहे हैं। इस बाबतराष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने 19 शहरों का डाटा तैयार किया। जिसमें वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराधों पर प्रकाश डाला है।

सिटी 20182019 2020
अहमदाबाद733 794 709
बेंगलुुरु 269 209 210
कोयंबटूर 100 6632
दिल्‍ली 7701076 906
हैदराबाद 29193170
जयपुर 17 24 157
कोलकाता 44 14 20
केरल 37 27 113
लखनऊ 7846
मुंबई 1043 1231 844

World Senior Citizen Day: क्‍या बोलते हैं डॉक्‍टर और पुलिस अधिकारी ?

ओल्डर एब्यूज हेल्थ को खराब कर रहा: हमारे देश के सीनियर सिटीजन की संख्या तेजी से बढ़ रही है। भारत में 13 करोड़ बुजुर्ग हैं जिसमें 70% गांव में रहते हैं। सीनियर सिटीजन को सोशल सिक्योरिटी, हेल्थ इश्यू और फाइनेंशल इश्यूज की प्रॉब्लम हैं। दरअसल ज्वाइंट फैमिली खत्म हो रही हैं और न्यूक्लियर फैमिली का चलन हो गया है। ऐसे में बुजुर्ग अकेला महसूस करते हैं। युवाओं से उनकी दूरी बढ़ रही है। पढ़े लिखे सीनियर सिटीजन अधिकतर शहर में रहते हैं। उनके बेटा-बेटी, पोता-पोती विदेश में या दूसरे शहर में रहते हैं। ऐसे में अकेलेपन से उनकी तकलीफ बढ़ जाती है।

-डॉ. प्रसून चटर्जी, एसोसिएट प्रोफेसर, जेरियाट्रिक मेडिसिन विभाग, एम्स दिल्ली

अकेले रहने वाले बुजुर्गों की संख्‍या बढ़ी : हमारे देश में अकेले रहने वाले सीनियर सिटीजन की संख्या बढ़ रही है। इसके दो कारण हैं। पहला तो ये कि आजकल ज्यादातर बच्चे अपने पेरेंटस से अलग रहना पसंद करते हैं। अपने शहर और देश के बाहर काम करने जाते हैं और दूसरी बात ये है कि जब आप ओल्ड हो जाते हैं तो दूसरों पर कई चीजों के लिए निर्भर हो जाते हैं। बच्चे समेत रिश्तेदार बुजुर्गों को तंग करते हैं। – गरिमा भटनागर, स्पेशल कमीश्नर इंटेलिजेंस

World Senior Citizen Day: क्यों पड़ जाते हैं संकट में हमारे बुजुर्ग ?

दिल्ली पुलिस की स्पेशल कमिश्नर इंटेलिजेंस गरिमा भटनागर बताती हैं कि ज्यादातर सीनियर सिटीजन की देखभाल हाउस हेल्प करते हैं। ये लोग इमोशनली और ऑफ फिजिकली इन पर डिपेंड होते हैं और इसी बात इसका फायदा हाउस हेल्प उठाते हैं। इस तरह से उनके लिए खतरा भी बन जाते हैं।

हाउस हेल्प यह जानने की कोशिश करते हैं कि इन्होंने अपना अपना पैसा, गहने किधर रखे हैं, कितनी संपत्ति है और एक दिन मौका पाकर वो या तो इनको चोट पहुंचाते हैं क्या मार कर भाग जाते हैं। आप चाहे कितने भी ज्यादा डिपेंडेंट हो, आपके घरेलू सहायक कितना भी विश्वास और अपनापन जताने की कोशिश करें तो भी बुजुर्गों को सतर्क रहना चाहिए।
पुलिस की सलाह यही है कि किसी संकट में ना पड़ें, इसके लिए घरेलू सहायक, नर्स, ड्राइवर का रजिस्ट्रेशन कराने के बाद ही इनको रखा जाए।

अगर किसी सीनियर सिटीजन को रजिस्ट्रेशन कराने में देरी हो रही हो तो उनको बीट कांस्टेबल से मदद मांगनी चाहिए। बुजुर्गों को यह भी पता करना चाहिए कि आपके पास जो हाउस हेल्प आ रहा है वह कहां से आ रहा है। विदाउट रेफरेंस किसी को भी नहीं रखना है।

World Senior Citizen Day: अपराधी कैसे बुजुर्गों को अपना शिकार बनाते हैं ?

रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी अजय सिंह ने बताया, “ये अपराध ज्यादातर पॉश और महंगे इलाकों में होते हैं जहां आरोपी जानते हैं कि बुजुर्ग व्यक्ति संपन्न है और शहर या विदेश में रहने वाले बच्चों के साथ अकेले रह रहा है।” अधिकारी ने कहा कि आमतौर पर मेड, ड्राइवरों, चौकीदारों सहित अन्य कर्मचारियों का एक सुव्यवस्थित गठजोड़ होता है, जो इस बात पर नजर रखते हैं कि किस घर को आसानी से निशाना बनाया जा सकता है।

उन्होंने यह भी कहा कि कई बार घरेलू मामला भी अपराध का कारण बनता है। अधिकारी ने कहा, हमने कई ऐसे मामले देखे, जहां बुजुर्ग व्यक्ति को बेटे या बहू द्वारा संपत्ति को लेकर परेशान किया जाता है और बाद में गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी जाती है। ज्यादातर विवाद परिवार के भीतर होते हैं, जहां बुजुर्ग व्यक्ति और उनके बच्चे के बीच झगड़ा होता है। श्री सिंह ने कहा कि ऐसे उदाहरण हैं जहां कई भाई-बहन संपत्ति के स्वामित्व को लेकर लड़ते हैं जिसके बाद वरिष्ठ नागरिक हमसे संपर्क करते हैं।

वरिष्ठ नागरिक साइबर ठगी के होते हैं शिकार: एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा, “बुजुर्ग व्यक्ति ऑनलाइन जालसाजों के लिए आसान लक्ष्य होते हैं क्योंकि वे धोखाधड़ी करने वालों से तकनीकी रूप से पिछड़े होते हैं और आसानी से नकली ऑफर और वेबसाइटों के गिरफ्त में आ सकते हैं।

“बुजुर्गों को हमेशा निशाना बनाया गया है क्योंकि वे शारीरिक रूप से कमजोर हैं और इस तरह के हमलों का विरोध नहीं कर सकते हैं। उनके लंबे समय के कर्मचारी जैसे ड्राइवर या घरेलू सहायक उनकी गुड बुक में रहकर उनके दिमाग को प्रभावित करते हैं जिसके बाद वे अंततः उनकी संपत्ति पर कब्जा कर लेते हैं और उनकी मृत्यु के बाद अपने कब्जे का दावा करना शुरू कर देते हैं। – अजय सिंह, रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी

बुजुर्गों के लिए सबसे असुरक्षित बनी देश की राजधानी दिल्ली

साल 2020 में भारत में अपराध की राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट ने वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराधों पर प्रकाश डाला है। जिसमें 19 महानगरीय शहरों के चार्ट में दिल्ली सबसे ऊपर है। आंकड़ों के अनुसार, 2019 में बुजुर्गों के खिलाफ ऐसे 906 अपराध दर्ज किए गए, जिनमें से 405 मामले चोरी के, 108 मामले जालसाजी और धोखाधड़ी के, 37 मामले साधारण चोट के, 8 मामले महिलाओं पर उनकी शील भंग करने के लिए हमले के थे। हत्या के 7 मामले और आपराधिक अतिचार के 5 मामले दर्ज हैं। गौरतलब है कि दिल्ली इकलौता ऐसा शहर था जहां बुजुर्ग व्यक्तियों के खिलाफ दुष्‍कर्म के 4 मामले दर्ज किए गए।

वर्ष 2020 में 906 मामलों में से केवल 131 मामलों में चार्जशीट दायर की गई थी, जो सभी मेट्रो शहरों में सबसे कम 25.3% थी। मामलों की पेंडेंसी दर 55.1% है। हालांकि, 2019 की तुलना में 2020 में ऐसे अपराधों में कमी आई है जब यह संख्या 1,076 हो गई थी।

World Senior Citizen Day: यौन उत्पीड़न के मामलों में इजाफा

ये बेहद शर्मनाक है कि 60 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं के साथ दुष्‍कर्म के लगभग 63 मामले सामने आए।इसमें सबसे उच्च दर केरल में थी।
जहां 191 बुजुर्ग महिलाओं से जुड़े लगभग 187 मामले भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत दर्ज किए गए थे। जो महिलाओं की शील भंग करने के इरादे की श्रेणी में आते हैं।एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली जैसे मेट्रो सिटी में बुजुर्ग महिलाओं से दुष्‍कर्म के 4 मामले दर्ज किए गए थे।

World Senior Citizen Day: आरडब्ल्यूए भी निभाए अपनी जिम्मेदारी

दिल्ली के मयूर कुंज में बनी एम्स सोसाइटी के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष मनोरंजन सिंह वर्मा के अनुसार सोसाइटी में बुजुर्गों की सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सोसाइटी में बुजुर्ग व्यक्तियों के घरों में इमरजेंसी बेल लगाई गई है, ताकि किसी मुसीबत में पड़ने पर वो दूसरों को अगाह कर सकें।

मनोरंजन कहते हैं कि मैं खुद 80 साल का हूं। मेरी दो बेटी हैं एक स्पेन में और एक बेंग्‍लुरु में रहती हैं। ऐसे में मेरा और मेरी पत्नी का चौकस रहना बेहद जरूरी है। हम खुद बूढ़े हैं और हमारी सोसाइटी में कई पेरेंटस हैं, जिनके बच्चे बाहर रहते हैं। इसलिए हमने अपने यहां आने जाने वालों के लिए बेहद सख्ती की है। हर आरडब्ल्यूए को सोसायटी में आने जाने वालों के लिए व्यवस्था करनी चाहिए। उन्हें परिसर में आने वाले श्रमिकों, विक्रेताओं और व्यापारियों सहित बाहरी लोगों के प्रवेश को सीमित करना चाहिए।

आरडब्ल्यूए को सोसाइटी परिसर में आने वाले इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, धोबी का रिकॉर्ड बनाना चाहिए। उनके पास घरेलू सहायता प्रदान करने वाली पंजीकृत फर्मों / प्लेसमेंट एजेंसियों की जानकारी रहनी चाहिए। मनोरंजन सिंह वर्मा ने अपने सुझाव में कहा कि किसी भी सोसाइटी के लिए पब्लिक पुलिस संबंधों को बेहतर बनाने में जोर देना चाहिए।

आरडब्ल्यूए को उन छोटे विवादों को सुलझाने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए जिनमें वरिष्ठ नागरिक शामिल हों। सुरक्षा और सुरक्षा के मामले में उन्हें वरिष्ठ नागरिकों को संबंधित पुलिस सलाह का पालन करने के लिए राजी करना चाहिए। इसमें उनके घरेलू सहायकों और किरायेदारों का सत्यापन भी शामिल है। इनका पुलिस में पंजीकरण कराने में मदद करनी चाहिए। उन्हें वरिष्ठ नागरिकों को उनकी समस्याओं को हल करने के लिए अपने स्वयं के समूहों को संगठित करने में मदद करनी चाहिए।

World Senior Citizen Day: इन प्‍वाइंटस पर सरकार दे ध्‍यान

समाज के विभिन्‍न मसलों पर बेबाक राय रखने वालीं और मशहूर समाजसेवी और लेखिका इला भटनागर का कहना है कि बुजुर्ग हमारे समाज का आधार हैं। इन्‍हें सम्‍मान और सुरक्षा मिलना हरहाल में जरूरी है। इस बाबत उन्‍होंने वरिष्‍ठ नागरिकों की मदद के लिए कुछ महत्‍वपूर्ण सुझाव भी दिए हैं, जो इस प्रकार हैं।

सीनियर सिटीजन सेल: प्रत्येक पुलिस मुख्यालय और प्रत्येक जिला पुलिस कार्यालय में सीनियर सिटीजन सेल होना चाहिए।
डेटा बेस: पुलिस को बुजुर्गों के बारे में डेटा बेस को बनाए रखना चाहिए और नियमित रूप से अपडेट करना चाहिए और बुजुर्गों के लिए लागू सुरक्षा व्यवस्था के बारे में प्रतिक्रिया प्राप्त करते रहना चाहिए।

स्टाफ का प्रशिक्षण: बुजुर्गों के साथ व्यवहार करने और उनकी देखभाल करने का प्रशिक्षण पुलिस कर्मियों को भी दिया जाना चाहिए।
जांच और मामलों की सुनवाई की फास्ट ट्रैकिंग: आपराधिक मामले जिनमें वरिष्ठ नागरिक शिकार होते हैं, साथ ही साथ दीवानी मामलों के मुकदमे में वरिष्ठ नागरिक कौन से पक्ष हैं, इस पर कार्रवाई की जानी चाहिए। जिन मामलों में बुजुर्ग पीड़ित हैं, उनमें अपराधी को कठोर दंड दिया जाना चाहिए।

सुरक्षा और प्लेसमेंट एजेंसियों का विकल्प: सुरक्षा और प्लेसमेंट एजेंसियों को गार्ड प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और कुशल घरेलू सहायकों को बुजुर्गों की देखभाल के लिए रखने की व्यवस्था होनी चाहिए।

जवाबदेही: बुजुर्गों के खिलाफ अपराध की हरएक गंभीर घटना पर चूक के लिए जिम्मेदारी तय करने के लिए जांच की जानी चाहिए। इसमें कार्रवाई तुरंत की जानी चाहिए।

युवा पीढ़ी को संवेदनशील बनाना: स्कूल के पाठ्यक्रम में ऐसी सामग्री शामिल होनी चाहिए जो संवेदनशीलता और मूल्यों को विकसित करे। बुजुर्गों की देखभाल, सम्मान और इमोशनल सपोर्ट को विकसित करें।

World Senior Citizen Day: जानिये क्‍या सुविधाएं मिलीं हैं वरिष्‍ठ नागरिकों को ?

  1. इनकम टैक्‍स में छूट: भारत में वरिष्ठ नागरिकों दो श्रेणियों में आते हैं। पहले में 60 से 79 वर्ष की उम्र वाले हैं जिन्हें वरिष्ठ नागरिक कहा जाता है और दूसरे वो हैं जिनकी उम्र 80 वर्ष से अधिक है। ये लोग अति वरिष्ठ नागरिकों की श्रेणी में आते हैं। इनकम टैक्स में दोनों प्रकार के वरिष्ठ नागरिकों को छूट है। 60 से 79 वर्ष के बीच के वरिष्ठ नागरिकों को 3 लाख रुपये और अति वरिष्ठ नागरिकों को 5 लाख/वर्ष की आय पर इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता है।
  2. बस किराये में छूट: कुछ म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन और प्रदेश सरकार की तरफ से सीनियर सिटीजन्स को बस किराये में छूट दी जाती है। बस की कुछ सीटें भी सीनियर सिटीजन्स के लिए आरक्षित रहती हैं।
  3. रेल सेवा में छूट : भारतीय रेलवे में टिकटों की खरीद/बुकिंग/रद्द करने के लिए वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग काउंटर की सुविधा है। सभी जंक्शनों, जिला मुख्यालयों और अन्य महत्वपूर्ण स्टेशनों पर वृद्ध व्यक्तियों के उपयोग के लिए व्हील चेयर उपलब्ध हैं। महत्वपूर्ण स्टेशनों के प्रवेश द्वार पर व्हील चेयर की आवाजाही के लिए रैंप उपलब्ध हैं। व्हील चेयर, हैंड रेल और विकलांग व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए शौचालय के प्रावधान के साथ विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए कोच पेश किए गए हैं।
  4. हवाई यात्रा किराये में छूट: यात्रियों के लिए छूट वाली उड़ानें पूरी तरह से एयरलाइन के विवेक पर निर्भर होती हैं। कुछ एयरलाइंस फ्लाइट बुकिंग पर कोई रियायत नहीं देतीं। भारत में विभिन्न एयरलाइनों में वरिष्ठ नागरिकों के लिए छूट है। इसमें से कुछ हैं:
    इंडिगो और स्पाइसजेट: एयरलाइंस कंपनी की वेबसाइट या मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से बुक किए गए टिकट पर वरिष्ठ नागरिकों को 6% की रियायत देती है।
    गोएयर: यह एयरलाइन अपनी वेबसाइट और मोबाइल एप्लिकेशन पर बुक किए गए टिकटों पर 8% रियायत प्रदान करती है।
    एयर इंडिया: सरकार द्वारा संचालित एयरलाइन वरिष्ठ नागरिकों को 50% की छूट प्रदान करत है। फ्लाइट बुकिंग पर यह छूट सिर्फ एयरलाइन की वेबसाइट के जरिए है।
  5. सेविंग स्कीम पर अधिक ब्याज: भारत के सीनियर सिटीजन्स को बैंकों में जमा धन पर अधिक ब्याज मिलता है। बैंक अक्सर 0.50 प्रतिशत अधिक ब्याज दर देते हैं। बैंकों, सहकारी बैंकों या डाकघरों में रखी गई जमाराशियों पर प्राप्त ब्याज आयकर अधिनियम की हाल ही में सम्मिलित धारा 80TTB के तहत टैक्स फ्री है।
  6. वृद्धावस्था पेंशन: देश और प्रदेश की सरकारें वृद्धावस्था पेंशन देतीं हैं। वर्तमान में दिल्ली सरकार 60-69 वर्ष तक के वृद्ध लोगों को हर माह 2000 रुपये और 70 साल से अधिक के वृद्धों के लिए 2500 रुपये हर महीने देती है। लेकिन इस स्कीम का लाभ लेने वाले व्यक्ति की सभी स्रोतों से आय 1 लाख प्रति वर्ष से कम होनी चाहिए। उत्तर प्रदेश में 60 के उपर सभी वृद्धों को 500 रूपए हर महीने पेंशन मिलती है। यह योजना राशि जनवरी 2020 से बढाई गई है।
  7. स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम भुगतान में छूट: भारतीय आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80D के तहत वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम भुगतान में 50 हजार रुपये तक की छूट मिलती है। आयकर में यह छूट उन कर दाताओं को भी मिलेगी जो कि अपने माता-पिता की ओर से प्रीमियम का भुगतान कर रहे हैं।
  8. मेडिकल बिल में छूट: बजट 2018 में सरकार ने सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए कैंसर, मोटर न्यूरॉन रोग, एड्स इत्यादि जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज पर होने वाले चिकित्सा खर्चों के लिए छूट सीमा को बढ़ा दिया है। अब वर्ष 60 से ऊपर के सभी वृद्ध जन आयकर अधिनियम की धारा 80DDB के तहत ऊपर लिखी गयी बीमारियों के लिए 1 लाख रुपये तक के इलाज पर इनकम टैक्स में रिबेट ले सकते हैं अर्थात अब इन लोगों को अपनी कुल आय में से ‘और एक लाख रुपये’ की आय पर कर नहीं देना होगा।
  9. प्रधानमंत्री वय वंदना योजना: प्रधान मंत्री वय वंदना योजना (पीएमवीवीवाई) भारत सरकार द्वारा विशेष रूप से 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक पेंशन योजना है। इस योजना के अंतर्गत वरिष्ठ नागरिकों को मासिक पेंशन विकल्प चुनने पर 10 वर्षों के लिए 8% की गारंटीशुदा रिटर्न (वापसी) मिलेगा। अगर वार्षिक पेंशन विकल्प चुने तो 10 वर्षों के लिए 8.3% की गारंटीशुदा रिटर्न (वापसी) मिलेगा।
  10. बैंक: कई बार सीनियर सिटीजन को नहीं पता होता है कि उनके लिए बैंक में क्या व्यवस्था है, क्या लाइफ सर्टिफिकेट के लिए उनका बैंक जाना जरूरी होता है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए डोर-स्टेप सर्विस है। इसमें लाइफ सर्टिफिकेट, कैश का लेनदेन, डिमांड ड्राफ्ट, केवाईसी डॉक्युमेंट जैसी कई सेवाएं दी जाती हैं। इसके अलावा वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग से विशेष काउंटर बना होता है। पेंशनर को किसी भी ब्रांच में जाने की अब जरूरत नहीं होती है। डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जमा करवाने की सुविधा भी अब उपलब्ध है।
  11. भारत बिल पेमेंट सिस्टम: आरबीआई का भारत बिल पेमेंट सिस्टम क्या है। कोई भी NRI बेटा या बेटी सीधे भारत में अपने बूढे़ माता पिता के बिजली का बिल, पानी का बिल, कैब और अन्य तरह के बिल का भुगतान कर सकते हैं।
  12. अस्पतालों में सुविधा: सरकारी अस्पतालों में बुजुर्गों के उपचार का अलग से प्रावधान है। उन्हें अधिक देर तक इंतजार ना करना पड़े इसके लिए अलग से लाइन की व्यवस्था होती है।आप केंद्र एवं राज्य सरकारों की पेंशन लाभ योजनाओं के बारे में जानकारी https://doppw.gov.in/en से प्राप्त कर सकते हैं।

वरिष्ठ नागरिक अपने अधिकार जानें

1.अगर बच्चे अपने बुजुर्ग माता पिता की देखभाल नहीं करते हैं तो वे संतान के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकते हैं और उनसे गुजारा भत्ता मांग सकते हैं।

  1. यदि आपका बेटा या बेटी आपको परेशान करता है तो आप उसे घर से बेदखल करने के लिए भरण-पोषण न्यायाधिकरण से संपर्क कर सकते हैं।
  2. पिता-माता के जीवित रहते हुए किसी भी बेटे-बेटी का संपत्ति पर किसी प्रकार का कोई अधिकार नहीं होता है।
  3. यदि आप वरिष्ठ नागरिक हैं और 2007 के बाद अपनी संपत्ति अपने किसी बच्चे को गिफ्ट कर दी है और वो बच्चा आपको जरूरी सुविधाएं प्रदान नहीं कर रहा है, तो आप उस संपत्ति को संतान से वापस भी ले सकते हैं।
  4. वरिष्ठ नागरिकों को उनके ही घर से निकाल देना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है और इसके लिए पांच हजार रुपये का जुर्माना या तीन महीने की कैद या दोनों हो सकते हैं।
  5. ऐसे वरिष्ठ नागरिक, जिनका कोई वारिस नहीं है, उनकी देखभाल करना राज्य की जिम्मेदारी है। इसलिए कानून है कि राज्य के हर जिले में कम से कम एक वृद्धाश्रम हो ताकि वो वरिष्ठ नागरिक यहां आराम से रह सकें।
  6. वरिष्ठ नागरिकों की उपेक्षा या फिर उन्हें घर से निकाल देना एक गंभीर अपराध है और इसके लिए 5 हजार रुपये का जुर्माना या तीन महीने की कैद या दोनों हो सकते हैं।

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