कहते हैं मां बनने से बड़ा इस जग में कोई सुख नहीं है। ये सौभाग्य भगवान ने सिर्फ महिलाओं को ही दिया है। इसलिए महिलाओं को सबसे उच्च दर्जा दिया जाता है क्योंकि वो एक जीव को अपने अंदर 9 महीने पालती हैं। वंश बढ़ाने में योगदान देती हैं। पर ये सौभाग्य एक सीमित समय के लिए ही रहता है।
कुदरती कानून के अनुसार एक औरत तभी तक मां बन सकती है जब तक उसे पीरियड्स आता है। अमूमन औरते 50 साल की में उम्र रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) की अवस्था प्राप्त कर लेती हैं। रजोनिवृत्ति वो अवस्था होती है जब मासिक धर्म बंद हो जाते हैं। पीरियड्स खत्म हो जाने के बाद औरते मां बनने का सुख भी त्याग चुकी होती हैं।
पर अब ऐसा नहीं होगा विज्ञान बहुत प्रगती कर चुका है। हर दिन नई-नई खोज होती रहती है। इसीमें वैज्ञानिकों ने एक ऐसा प्रजजन संबंधी इलाज ढूंढ़ निकाला है जिसकी मदद से रजोनिवृत्ति के बाद भी महिलाएं मां बन सकेंगी।
ग्रीस ने किया शोध
ग्रीस के वैज्ञानिकों ने इस का एक बहुत ही जोरदार इलाज खोज निकाला है। इलाज की मदद से रजोनिवृत्ति प्राप्त कर चुकी तीन महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया है। ग्रीस के जेनेसिस एथेंस फर्टिलिटी क्लीनिक के विशेषज्ञों ने इस इलाज में एक ऐसी तकनीक का उपयोग किया है जिसका उपयोग चोट को जल्द ठीक करने के लिए किया जाता है। यह तकनीक ऊतकों और रक्त वाहिकाओं को बढ़ावा देती है। इस तकनीक को प्लेटलेट रिच प्लाजमा (पीआरपी) कहते हैं।
49 साल की महिलाओं पर हुआ शोध
ग्रीस में क्लीनिक के विशेषज्ञों ने 46 से 49 साल के आयु की औरतों के अंडाशय में पीआरपी इंजेक्ट किया। यह सभी औरतें रजोनिवृत्ति को प्राप्त कर चुकी थीं। जब औरतें रजोनिवृत्ति प्राप्त कर लेती हैं तब वे गर्भधारण नहीं कर पातीं। नए इलाज की मदद से 70 फीसदी प्रतिभागियों में मासिक धर्म को दोबारा शुरू किया जा सका।
तीन महिलाओं ने गर्भधारण किया
इनमें वे महिलाएं शामिल थीं जिन्हें पांच साल से मासिक धर्म नहीं हुआ था। शोधकर्ताओं की टीम ने तीन महिलाओं से अंडे लिए और उन्हें लैब में निषेचित किया। फिर इससे उन्हें गर्भधारण कराया गया।
क्लीनिक के विशेषज्ञ कोंस्टानटिनोस पानटोस ने कहा कि यह इलाज ज्यादा उम्र में भी महिलाओं को मां बनने में मदद करेगा। उन्होंने कहा, कई महिलाएं 40 की उम्र तक अपने करियर पर ध्यान देती हैं और फिर बच्चों के बारे में सोचती हैं। ऐसे में कई महिलाओं के रजोनिवृत्ति की उम्र आ जाती है और वे बच्चे पैदा नहीं कर पाती। पानटोस ने कहा कि इस इलाज के लिए भी महिलाओं की उम्र सीमा तय करना जरूरी है।