बच्चे स्वभाव से काफी चंचल होते हैं। लेकिन फिर भी हर बच्चे का स्वभाव काफी अलग होता है और पेरेंटिग बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है। आप बच्चों को जैसा माहौल देते हैं आगे चलकर वो उसी अनुसार ढलते और व्यवहार भी वैसा ही रखते हैं। कुछ बच्चे बेहद शर्मीले होते हैं तो कुछ बच्चे काफी हाइपर और साथ ही कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं जो काफी मूडी होते हैं और ऐसे बच्चों को हैंडल करना काफी मुश्किल होता है। हो सकता है कि आपका बच्चा जिद्दी, चिड़चिड़ा, मुंहफट हो और ऐसे बच्चों को संभालना एक चैलेंज होता है। ऐसे बच्चों को हैंडल करने के लिए आप कुछ आसान टिप्स अपना सकती हैं।
एक्सप्रेस करने का मौका दें
अगर आपका बच्चा मूडी है तो यह जरूरी है कि आप उसे खुद को एक्सप्रेस करने का मौका अवश्य दें। कम से कम घर पर तो वे अपने मन की इच्छाएं या खुद को बिना किसी परेशानी या डर से आपके सामने रख सकें। बच्चों के बदलते मूड के पीछे उनके अंदर दबी उनकी भावनाएं हो सकती हैं और शांति से बैठकर उनसे बातचीत करने से उन्हें अच्छा फील होगा। बच्चों को अच्छा फील होगा कि उनको सुनने वाला कोई है। अपने बच्चों को अपने विचारों को व्यक्त करने की आजादी दें।
ओवर रिएक्ट न करें
सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप खुद भी ओवर रिएक्ट न करें। हो सकता है आपको बच्चों के बदलते मूड का व्यवहार परेशान करें लेकिन उन्हें शांत करने के लिए मारना-पीटना बिल्कुल भी सही तरीका नहीं हैं। इससे वो और ज्यादा बिगड़ सकते हैं। बच्चों को हैंडल करने के लिए पहले आपको खुद को भी बदलना होगा। हर समय अगर आप भी इरीटेट रहते हैं या किसी और का गुस्सा बच्चों पर निकालते हैं तो यह भी गलत हैं। इसलिए ओवर रिएक्ट न करें।
बच्चों की तारीफ करें
अगर आपका बच्चा कोई अच्छा काम करता है तो आप उसकी तारीफ करने में बिल्कुल भी कंजूसी ना करें इससे बच्चे को एक प्रोत्साहन मिलता है। और इस तरह बच्चा अपनी तारीफ सुनने के लिए अच्छा व्यवहार करने की ज्यादा से ज्यादा कोशिश करता है।
घर का माहौल पॉजिटिव रखें
अक्सर जब भी बच्चों को हैंडल करने की बात होती है तो हम सिर्फ अपने बच्चे पर ही ध्यान देते हैं जबकि घर के माहौल पर भी ध्यान दिया जाना बहुत जरुरी है। अगर घर में हर वक्त बहुत अधिक तनाव रहता है या लड़ाई-झगड़ा होता है तो इससे बच्चों की मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे में बच्चे का गुस्सा होना, चिड़चिड़ापन होना स्वभाविक है। इसलिए घर के माहौल को खुशनुमा रखने का प्रयास करें, ताकि इससे बच्चे पर भी पॉजिटिव असर पड़े। बच्चों के ऐसे स्वभाव के पीछे कई बार पारिवारिक माहौल भी जिम्मेदार होता है। घर का माहौल पॉजिटिव रखने की कोशिश करें। मिलजुल कर रहने की आदत बच्चों की अच्छी परवरिश में बहुत योगदान देती है।
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