उत्तर प्रदेश के उन्नाव गैंगरेप मामला में इलाहाबाद हाईकोर्ट में बुधवार (2 मई) को सीबीआई ने केस की प्रगति रिपोर्ट सील कवर लिफाफे में पेश की। कोर्ट ने 13 अप्रैल को सीबीआई को आदेश दिया था कि वो दो मई को दस बजे मामले में प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश करे। हाईकोर्ट ने सीबीआई को 20 जून 2017 की और अन्य प्राथमिकियों की विवेचना का आदेश दिया था इसके अलाव जमानत पर छूटे आरोपियों की जमानत निरस्त कराने को भी कहा था। उन्नाव रेप केस में बेजीपी विधायक कुलदीप सेंगर आरोपी हैं।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस बात पर भी नाराज़गी जताई है कि सीबीआई ने बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में रिमांड क्यों नहीं मांगा। कोर्ट ने सीबीआई से टिंकू सिंह नाम के उस शख्स का पता लगाने को भी कहा है जिसने पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में एफआईआर करवाई थी। टिंकू का पता लगाने के लिए हाईकोर्ट में पीड़िता की मां की तरफ से भी अर्जी दाखिल की गई है। इस अर्जी में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत सभी आरोपियों को उन्नाव जेल से कहीं और शिफ्ट करने की अपील की गई है. अर्जी में कहा गया कि विधायक जेल से ही गवाहों और गांव वालों को प्रभावित कर रहे हैं।

हाईकोर्ट ने पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज केस को लखनऊ ट्रांसफर करने की CBI की अर्जी पर आरोपियों को नोटिस दिया है। कोर्ट CBI  की धीमी जांच से खुश नहीं है और कोर्ट ने CBI को कहा है कि वो पीड़िता और रिश्तेदारों के बयान ले, आरोपियों की जमानत निरस्त कराये और हवालात में मौत के आरोपियों पर कार्रवाई करे। हाईकोर्ट ने फिर 15 दिन बाद रिपोर्ट तलब की है। अब 21 मई को मामले की सुनवाई होगी।

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