सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में ठोस कचरे प्रबंधन की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने सरकार के हलफनामे की मोटी फ़ाइल पर तंज कसते हुए कहा कि यह भी कचरा बढ़ाने वाली है। आप कचरा लाकर हम पर डंप नहीं कर सकते। आपको ख़ुद नहीं पता कि हलफनामे में क्या लिखा है। कोर्ट ने कहा कि आपने फाइलों का बोझ तो बढ़ाया पर उस पर अमल नहीं किया।

दिल्ली में डेंगू, चिकनगुनिया, और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के मामले में जस्टिस मदन बी लोकुर की बेंच ने 845 पेज के हलफनामे को रिकॉर्ड पर लेने से इंकार कर दिया। सुनवाई के दौरान जब कोर्ट ने सरकार के वकील वसीम कादरी से पूछा कि इस हलफनामे में क्या लिखा है, तो कादरी ने जानकारी होने से इंकार करते हुए कहा कि जो अफसर हलफनामा लेकर आया है, उसे इसकी जानकारी नहीं। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा यह फ़ाइल खुद में सॉलिड वेस्ट है और हम कचरा ढोने वाले नहीं हैं। जब आपको इसे पढ़ने की फुर्सत नहीं तो आप हमसे इसकी उम्मीद कैसे करते हैं?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो नहीं चाहते कि दिल्ली देश भर के लिए रोल मॉडल बने। कोर्ट ने ये टिप्पणी तब की जब  एमिकस क्यूरी कॉलिन गोंजालविज ने कहा कि दिल्ली को रोल मॉडल बनाया जाना चाहिये ताकि बाकी राज्य उस पर भी अमल कर सके। इस पर जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा कि  दिल्ली में प्रदूषण की जो स्थिति है, अगर ऐसे में  दिल्ली को मॉडल बनाया जाता है, तो पूरे देश के लिए खतरनाक हालात वाली बात होगी और हम ये नहीं चाहते।

कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के हलफ़नामे को स्वीकार करने से इनकार करते हुए निर्देश दिया कि  हमें राज्यों की कमेटियों, उनकी मीटिंग कब हुई, कहां हुई, उनमें क्या फैसले लिए कौन-कौन  पदधिकारी शामिल हुए,  उसका ब्यौरा दें। अब 3 हफ्ते बाद इस मामले की सुनवाई होगी।

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