सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद उम्मीद की जा रही थी कि इन चार जजों की ओर से जो आरोप लगाए गये हैं उन पर कदम उठाए जाएंगे और मामला जल्दी ही सुलझ जाएगा। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के जजों के कामकाज के बंटवारे पर जारी नए रोस्टर से इस उम्मीद पर पानी फिरता दिख रहा है।

इस रोस्टर को मामलों की श्रेणी के हिसाब से बनाया गया है।

रोस्टर के मुताबिक  चीफ जस्टिस जनहित याचिका, चुनाव संबंधी याचिका, कोर्ट की अवमानना से संबंधित याचिका, सामाजिक न्याय, आपराधिक मामले सहित अन्य मामले सुनेंगे। यानी सारी जनहित याचिकाएं मुख्य न्यायाधीश अपने पास सुनवाई के लिए रखेंगे।

CJI के बाद दूसरे नम्बर पर आने वाले जज जस्टिस जे चलमेश्वर के पास आपराधिक, श्रम, टैक्स, भूमि अधिग्रहण, सिविल, सामान्य पैसों के मामले, न्यायिक अधिकारियों से जुड़े मामले, भूमि अधिनियम संबंधी मामले, समुद्री कानून से जुड़े मामले होंगे।

तीसरे नम्बर पर आने वाले जज जस्टिस रंजन गोगोई के पास कोर्ट की अवमानना, धार्मिक मामले, पर्सनल लॉ, बैंकिंग, सरकारी ठेके, आपराधिक, श्रम, टैक्स, भूमि अधिग्रहण, सिविल, सामान्य पैसों के मामले, न्यायिक अधिकारियों से जुड़े मामले, भूमि अधिनियम संबंधी मामले, समुद्री कानून के मामले होगें।

सुप्रीम कोर्ट में चौथे नंबर के जज जस्टिस मदन बी लोकुर के पास वन संक्षण के मामले, भूमि, जल, पेड़, पैरामिलेट्री फ़ोर्स, सेना, धार्मिक मामले जाएंगे।

पांचवे नंबर के जज जस्टिस कुरियन जोसेफ के पास श्रम, रेंट एक्ट, फैमिली लॉ, पर्सनल ला, धार्मिक मामले जाएंगे।

हालांकि रोस्टर के मुताबिक मेडिकल दाखिला घोटाला मामले की सुनवाई जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच ही करेगी।

प्रेस कॉंफ्रेंस में चार वरिष्ठ जजों ने केसों के बंटवारे को लेकर अंसतोष व्यक्त किया था और कहा था कि जिस तरह उच्च न्यायलयों में रोस्टर सिस्टम लागू है उसी तरह यहां भी लागू होना चाहिए। नया रोस्टर इसी महीने की पांच तारीख से लागू होगा और अगले आदेश तक लागू रहेगा।

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