देश के प्राचीन शहरों के नाम बदलने की मांग वाली याचिका Supreme Court में दाखिल

याचिका में संविधान के अनुच्छेद 19 का हवाला देते हुए पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से प्राचीन नामों को खोजने की मांग की गयी है।

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Supreme Court on Manipur
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Supreme Court: भारत के प्राचीन शहरों के नाम उनके वास्तविक नामों पर रखे जाने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गयी है। SC में दाखिल याचिका में मांग की गई है कि भारत में मध्यकाल में जिन शहरों के नाम विदेशी आक्रांताओं के नाम पर रखे गए, उनके प्राचीन नाम खोजे जाए। याचीका में सुप्रीम कोर्ट से गृह मंत्रालय को रिनेमिंग कमीशन बनाने का निर्देश देने की मांग करते हुए कहा गया है कि कमीशन पुराने ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों के उन वास्तविक नाम को खोजे, जिन्हें विदेशी आक्रांताओं के नाम पर रखे गए हैं।

वकील अश्विनी उपाध्याय ने दाखिल की याचिका

बता दें कि यह याचिका वकील अश्विनी उपाध्याय ने दाखिल की है। याचिका में संविधान के अनुच्छेद 19 का हवाला देते हुए पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से प्राचीन नामों को खोजने की मांग की गयी है। याचीका में पुराने नाम को वापस रखने की मांग संविधान के अनुच्छेद 21,25 और 29 के आधार पर की गयी है। साथ ही याचीका में केंद्र और राज्य सरकारों को उन शहरों के प्राचीन और वास्तविक नाम वेबसाइट पर अपडेट करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

याचिका में आगे कहा गया है कि राष्ट्रपति भवन के मुगल गार्डन का नाम बदलकर अमृत उद्यान कर दिया गया लेकिन बाबर रोड, शाह जहां रोड, औरंगज़ेब रोड, तुगलक रोड, सफदरजंग रोड, नजफ़ खान रोड जौहर रोड, लोधी रोड, हैली रोड, अकबर रोड, हुमायूं रोड का नाम नहीं बदला जा रहा है,जबकि इन जगहों पर संविधान और उसके द्वारा मिले मूल अधिकरों के रक्षक व माननीय न्यायाधीशों के भी बंगले इन सड़कों पर ही स्थित हैं।

Supreme Court on UP Nikay Chunav
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मध्यकाल में आए आक्रांताओं के नाम पर जगहों का नामकरण

याचिका में कहा गया है कि पाण्डवों ने श्रीकृष्ण तथा बलराम के आशीर्वाद से खांडवप्रस्थ का निर्माण किया, जिसे दिल्ली के रूप में जाना जाता है। उसमें एक भी वार्ड, रोड, गांव, और विधनसभा क्षेत्र का नाम भगवान कृष्ण, बलराम, भीम, अर्जुन, नकुल, सहदेव, कुंती, द्रौपती और अभिमन्यु और अन्य में से किसी के नाम पर नहीं है। वहीं दूसरी ओर मध्यकाल में आए आक्रांताओं के नाम पर जगहों का नामकरण किया गया है।

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