सिगरेट के पैकेट पर चेतावनी वाली नई फोटो संबंधी सरकार की नई अधिसूचना पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया है। केंद्र सरकार ने नया नोटिफिकेशन जारी कर कहा है कि एक सितंबर 2018 से तंबाकू उत्पादों पर चेतावनी के लिए नई तस्वीर छपेगी लेकिन तंबाकू कंपनियों ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

आने वाली एक सितंबर से सिगरेट समेत बाकी तंबाकू उत्पादों पर दिखने वाली पुरानी तस्वीर बदल जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने तंबाकू और सिगरेट के पैकेट पर नई तस्वीर छापने पर रोक लगाने से फिलहाल इनकार कर दिया है। प्रदान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने सुनवाई के दौरान कहा कि देश में मुंह के कैंसर के मामले बढ़ते जा रहे हैं और सरकार नई तस्वीर से सिर्फ जानकारी दे रही है। जस्टिस चंद्रचूड ने याचिकाकर्ता से पूछा कि कहा कि इस तस्वीर में गलत क्या है? केंद्र सरकार ने नया नोटिफिकेशन जारी कर कहा था कि एक सितंबर 2018 से तंबाकू के उत्पादों पर चेतावनी के लिए नई तस्वीर छापी जाएगी जिसमें एक व्यक्ति के गले में छेद दिख रहा है। साथ ही तस्वीर पर लिखा होगा कि तंबाकू से गले का कैंसर होता है। सरकार के इस नोटिफिकेशन को तंबाकू कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। तंबाकू व्यापारियों का कहना है कि ऐसी अधिसूचना उनके व्यापार करने के अधिकार का हनन है।

जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले को मुख्य मामले के साथ सुनवाई के लिए जोड़ दिया है। मामले की सुनवाई अब अगस्त के पहले हफ्ते में होगी। इसी साल 8 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के सिगरेट पैकेट के 85% हिस्से में चेतावनी छापने के नियम को रद्द करने के आदेश पर रोक लगा दी थी। कर्नाटक हाईकोर्ट ने सिर्फ 40% हिस्से में चेतावनी छापने को कहा था। इस पर जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए कहा था कि आम जनता का स्वास्थ्य सर्वोपरि है और हाईकोर्ट को 85 फीसदी सचित्र चेतावनी देने वाले केंद्र सरकार के आदेश को निरस्त नहीं करना चाहिए था।

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