खाप पंचायतों के तुगलकी फरमान पर पाबंदी लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने खाप पंचायतों को बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ऐतिहासिक निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने खाप पंचायतों का शादी को लेकर फरमान अवैध और किसी भी संगठन द्वारा शादी को रोकना गैर-कानूनी बताया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर दो वयस्क अपनी मर्जी से शादी कर रहे हैं तो कोई भी इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता है अगर कोई भी ऐसा करता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई होगी।

कोर्ट ने कहा कि आपसी सहमति से दो वयस्कों की शादी में किसी भी तरह का दखल गैरकानूनी होगा। कोर्ट ने ऐसे जोड़ों की सुरक्षा और दखलंदाजी रोकने के लिए दिशानिर्देश जारी किए। कोर्ट ने प्रेम विवाह करने वाले जोड़ों को सुरक्षा देते हुए कहा कि उन पर कार्रवाई के इरादे से खाप या किसी समूह का एकत्र होना गैर-कानूनी है।

कोर्ट के इस आदेश से अंतरजातिय अंतरधर्म विवाह करने वाले जोड़ों को खाप पंचायतों के फरमान और अन्य से भी सुरक्षा मिलेगी। कोर्ट ने ये फैसला ऑनर किलिंग और प्रेमी जोड़ों के खिलाफ खाप पंचायतों के फरमान व हमलों का मुद्दा उठाने वाली जनहित याचिका पर दिया है।

चीफ जस्‍टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा की अध्‍यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट के तीन सदस्‍यीय जजों की बेंच में जस्‍टिस एएम खान्‍विलकर, डीवाई चंद्रचूड़ हैं। बेंच ने कहा कि जब तक मामले में कोई कानून नहीं आता तबतक यही निर्णय लागू होगा। दरअसल, एनजीओ शक्‍ति वाहिनी द्वारा खाप पंचायत के खिलाफ दायर याचिका में ऑनर किलिंग को खत्‍म करने के लिए केंद्र व राज्‍य सरकार से मांग की जा रही थी।

वही केंद्र सरकार ने ऑनर किलिंग मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में कहा कि ऑनर किलिंग को IPC में हत्या के अपराध के तहत कवर किया जाता है। साथ ही ऑनर किलिंग को लेकर लॉ कमिशन की सिफारिशों पर विचार हो रहा है। इस संबंध में 23 राज्यों के विचार प्राप्त हो चुके हैं।

अभी छह राज्यों के विचार आने बाकी हैं। केंद्र ने कहा कि कोर्ट सभी राज्यों को हर जिले में ऑनर किलिंग को रोकने के लिए स्पेशल सेल बनाने के निर्देश जारी करे। अगर कोई युगल शादी करना चाहता है और उसे जान का खतरा है, तो राज्य उनके बयान दर्ज कर कार्रवाई करें। केंद्र ने कहा कि वो खाप पंचायत शब्द का इस्तेमाल नहीं करेगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here