अपनी रिटायरमेंट स्पीच में जस्टिस एमआर शाह ने गुनगुनाया राज कपूर का गीत, भावुक हो बोले- “कल खेल में हम हो ना हो…”

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justice mr shah
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सुप्रीम कोर्ट के चौथे वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमआर शाह सोमवार को अपने कार्यालय के आखिरी दिन अदालत कक्ष में यह कहते हुए भावुक हो गए कि वह सेवानिवृत्त होने वाले व्यक्ति नहीं हैं और जीवन में एक नई पारी शुरू करेंगे। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ की मौजूदगी में, न्यायमूर्ति शाह अपने भाषण के अंत में भावुक हो गए और उन्होंने राज कपूर के गीत “जीना यहां, मरना यहां” की लाइनें गुनगुनायीं ।

न्यायमूर्ति शाह ने कहा, “मैं सेवानिवृत्त होने वाला व्यक्ति नहीं हूं और मैं अपने जीवन की एक नई पारी शुरू करने जा रहा हूं। मैं सर्वशक्तिमान ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वह मुझे नई पारी खेलने के लिए शक्ति और साहस और अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करें।” उन्होंने भावुक होते हुए कहा, “कल खेल में हम हो ना हो, गर्दिश में तारे रहेंगे सदा”। 2 नवंबर, 2018 को शीर्ष अदालत में नियुक्त किए गए न्यायमूर्ति शाह की सेवानिवृत्ति के साथ, शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की संख्या अब सीजेआई सहित 32 हो जाएगी।

कार्यक्रम में सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “जस्टिस शाह के साथ मेरा संबंध लंबे समय से है जब मैं भारत का अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल था और जब वह सुप्रीम कोर्ट आए तो हमारी दोस्ती नए सिरे से शुरू हुई। हमने सबसे कठिन समय, कोविड के दौरान एक साथ काम किया।” सीजेआई ने कहा कि न्यायमूर्ति शाह द्वारा कुछ भी लंबित नहीं रखा गया।

बता दें कि न्यायमूर्ति मुकेशकुमार रसिकभाई शाह का जन्म 16 मई, 1958 को हुआ था और उन्होंने 19 जुलाई, 1982 को एक वकील के रूप में नामांकन कराया। उन्होंने गुजरात उच्च न्यायालय में वकालत की। उन्हें 7 मार्च, 2004 को गुजरात उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया और 22 जून, 2005 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया।

उन्हें 12 अगस्त, 2018 को पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्हें 2 नवंबर, 2018 को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था ।

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