अपनी विधायकी बचाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट के दर पर गुहार लगाने वाले आम आदमी पार्टी के अयोग्य विधायक फिलहाल कुछ राहत की सांस ले सकते हैं। विधायकी खारिज करने के चुनाव आयोग के फैसले और उस पर राष्ट्रपति की मंजूरी के खिलाफ दाखिल आठ विधायकों की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग की अधिसूना पर तो रोक नहीं लगाई लेकिन आगे कोई कार्यवाही करने से रोक दिया है। हाईकोर्ट ने आयोग को निर्देश दिया है कि जब तक मामले का निपटारा नहीं हो जाता तब तक वह चुनाव से जुड़ी किसी भी तरह की अधिसूचना न जारी करे। दिल्ली हाईकोर्ट अब इस मामले की सोमवार को सुनवाई करेगा।

सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग के वकील ने कहा कि केवल तीन दिन है ऐसे में हमें नही लगता कि चुनाव कराने को लेकर कोई करवाई होगी। इस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि अगर आप इस मामले में लिखित आदेश चाहते है तो हम दे सकते हैं। साथ ही हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग से सोमवार तक जवाब दाखिल करने को भी कहा। कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर विधायकों को अयोग्य घोषित करने की सिफारिश से संबंधित रिकॉर्ड को जमा कराने को कहा है। इससे पहले सुनवाई के दौरान आप विधायकों के वकील ने कोर्ट मे कहा कि चुनाव आयोग ने न्याय के बुनियादी सिद्धांत का उल्लंघन किया है। पूर्व विधायकों ने मांग की है कि केंद्र सरकार की अधिसूचना पर रोक लगाई जाए और उसे रद किया जाए।

आप के 20 अयोग्य विधायकों मे से कुल 8 विधायकों ने फिलहाल हाइकोर्ट का रुख किया है… सुनवाई के दौरान  ये सभी 8 विधायक कोर्ट मे मौजूद थे। इनमें अलका लांबा,मदन लाल,राजेश ऋषि,सोमदत्त,कैलाश गहलोट, नीतिन त्यागी,शरद कुमार और सरिता सिंह शामिल हैं। 19 जनवरी को चुनाव आयोग ने आप के 20 विधायकों की सदस्यता समाप्त करने की सिफारिश करते हुए रिपोर्ट राष्ट्रपति को भेज दिया था। राष्ट्रपति ने भी इसे मंजूरी दे दी थी।

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