Supreme Court: ICSE की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं ऑफलाइन की बजाय वैकल्पिक मूल्यांकन पद्धति से कराने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए एक याचिका डाली गई थी। सुप्रीम कोर्ट में डाली गई याचिका पर कोर्ट (Court) सुनवाई को तैयार हो गया है। याचिका में सभी बोर्ड की ओर से समय पर परिणाम घोषित करने के निर्देश देने और सुधार परीक्षा के विकल्प देने की मांग की गई।
Supreme Court : देशभर से 15 राज्यों के छात्रों ने दायर की याचिका
न्यायाधीश न्यायमूर्ति एएम. खानविल्कर की अगुवाई वाली खंडपीठ ऑफलाइन एग्जाम के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुनवाई करेगी। याचिका देश भर के 15 राज्यों के छात्रों की ओर से दायर की गई है। ऐसे में छात्रों और अभिभावकों का कहना है, कि जब महामारी के दौर में पूरी पढ़ाई ऑनलाइन मोड में करवाई जा रही है। ऐसे में परीक्षाओं का आयोजन ऑफलाइन मोड पर क्यों हो रहा है? छात्रों का कहना है कि लगातार ऑनलाइन कक्षाओं में पढ़ने के कारण उनकी सही तरीके से पढ़ाई नहीं हो पाई है। यही वजह है कि ऑफलाइन की बजाय वैकल्पिक मूल्यांकन पद्धति के आधार पर परीक्षाएं हों। वहीं सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पूर्व ही लोगों को उम्मीद है कि कोर्ट उनके पक्ष में फैसला सुनाएगा।
कंपार्टमेंट छात्रों के मूल्यांकन के लिए समिति गठन की मांग
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दायर की गई याचिका में कंपार्टमेंट छात्रों के परीक्षा में मूल्यांकन के फार्मूले को तय करने के लिए एक समिति के गठन की मांग की गई है। एक निर्धारित समय सीमा के भीतर परिणाम घोषित करने के लिए निर्देश देने की भी मांग की गई है।
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