सुप्रीम कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े 186 केस की फिर से जांच की अनुमति दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (10 जनवरी) को जांच के लिए एक नई SIT के गठन का निर्देश दिया है। पहले SIT ने इन केसों को बंद कर दिया था। पहली SIT ने इन मामलों में क्लोज़र रिपोर्ट दाखिल कर दी थी। नई SIT में हाइकोर्ट के एक रिटायर्ड जज होंगे जो SIT के मुखिया होंगे उनके अलावा इसमें एक रिटायर्ड वरिष्ठ आईपीएस और एक मौजूदा वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी होंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी वकील और याचिककर्त्ता के वकीलों से नाम के बारे में सुझाव भी मांगा है। इससे पहले कोर्ट ने सरकार की SIT की तरफ से बंद किए गए मामलों की समीक्षा के लिए दो रिटायर्ड सुप्रीम कोर्ट जजों की सुपरवाइजरी कमिटी बनाई थी। कमेटी ने 186 मामलों में दोबारा जांच की गुंजाइश बताते हुए रिपोर्ट दी थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने नई SIT बनाने का फैसला लिया है।

इस मामले की सुनवाई में केंद्र सरकार की ओर से गठित SIT की ओर से 1984 दंगों से संबंधित 293 में से 240 मामलों को बंद करने के निर्णय पर कोर्ट ने आपत्ति जताई थी। केस बंद करने के फैसले पर संदेह जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इनमें में 199 मामलों को बंद करने का कारण बताने के लिए कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सिख दंगों से जुड़े केस और उनकी स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। केंद्र की रिपोर्ट में बताया गया कि हिंसा से जुडे 650 केस दर्ज किए गए थे जिनमें से 293 केसों की एसआईटी ने छानबीन की थी। रिकॉर्ड खंगालने के बाद इनमें से 239 केस एसआईटी ने ने बंद कर दिए थे, जिनमें 199 केस सीधे-सीधे बंद कर दिए गए थे।

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