उत्तर प्रदेश से तीन करोड़ का एक बड़ा घोटाला सामने आया है। किसानों के लिए आई करीब तीन करोड़ की खाद गोदाम में पहुंचने के पहले ही गायब हो गई। बताया जा रहा है कि इस खाद घोटाले में कई विभागीय अफसर संलिप्त हैं। जिन पर जांच के बाद गाज गिरना तय माना जा रहा है। फिलहाल पूरा विभागीय अफसर ये जानने की कोशिश मे लगा है कि तीन करोड़ की खाद कहाँ है।

जानकारी मिली है कि खाद की एक रेक बरेली से तो चली गोदाम तक पहुंची और उसे रास्ते में ही गायब कर दिया गया। वहीं जब इस खाद घोटाले का खुलासा हुआ तो पीसीएफ के अफसरों और कर्मचारियों में खलबली मच गई।

इस घोटाले का खुलासा उस समय हुआ जब किसानों को रबी की फसल के लिए खाद की आवश्यकता पड़ी, जब किसानों को खाद नहीं मिली तो उन्होंने इसकी शिकायत अफसरों से की। वहीं जब अफसरों ने इसकी जांच करना शुरु किया तो घोटाला सामने आया। मामले की जांच 3102 मीट्रिक टन यूरिया, डीएपी और एनपीके कम मिली। ये कम कैसे हुई इसका जवाब किसी के पास नहीं है। मामले की जांच कर रही टीम ने जांच रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है।

इस पूरे मामले की जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह के पास पहुंच चुकी है। सूत्रों के मुताबिक, टीम ने पूरे मामले में पीसीएफ अफसरों, कर्मचारियों और ठेकेदारों को जिम्मेदार बताया गया है।

बता दें कि बड़ी तादात में खाद गायब होने से जिले में खाद का संकट पैदा हो गया है। रबी के सीजन में किसानों को खाद की ज्यादा जरूरत होती है लेकिन खाद घोटाला होने पर उन्हें सरकारी दाम पर खाद नहीं मिल पाएगी और किसानों को खुले बाजार से ज्यादा दामों पर खाद खरीदनी पड़ेगी।

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