महिलाओं को लेकर अक्सर तुगलकी फरमान सुनाए जाते हैं, कभी उनके मोबाइल फोन रखने पर तो कभी उनके जींस पहनने पर रोक लगाई जाती है। दारुम उलूम के फतवे के अब देवबंद के एक मुफ्ती ने मुस्लिम महिलाओं के लिए चौंकाने वाला बयान दिया है।
मुफ्ती अहमद गौड़ ने कहा है कि टीवी पर जो भी मुस्लिम महिलाएं एंकरिंग या रिपोर्टिंग कर रही हैं, उन सभी को स्कार्फ बांधकर काम करना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि बाल खुले हुए न हों। उनकी माने तों महिला पत्रकारों को बुर्के का प्रयोग करना चाहिए।
मुफ्ती ने कहा है कि कोई भी रोजगार जो जायज और हलाल है उन सबको शरियत ने इजाजत दी है। मुफ्ती के अनुसार टीवी पर एंकरिंग करने के लिए शरियत ने जो बेहतर तरीका बताया है वह पर्दा है, लेकिन शरीयत की बातों को मानना और नहीं मानना आपकी मर्जी पर है।
उन्होंने कहा कि पर्दे का जो सही तरीका है वह बुर्का है। बुर्का पर्दे का सबसे अव्वल दर्जा है, क्योंकि बुर्के में मुंह से लेकर बदन तक ढंका होता है।
आपको बता दें कि हाल ही में सहारनपुर स्थित विश्व इस्लामिक संस्था दारुल उलूम ने एक नया फतवा जारी करते हुए किसी भी शादी या अन्य बड़े समारोह में सामूहिक रूप से मर्दों और औरतों के भोजन करने को हराम करार दिया था। इतना ही नहीं, मुफ्तियों ने शादियों में खड़े होकर खाने को भी नाजायज करार दिया था।