आपका अकाउंट नया हो या पुराना अगर वह पैन नंबर के साथ नहीं जुड़ा है तो आपका अकाउंट जल्द ही फ्रीज कर दिया जाएगा। जिसके बाद आप अपने खाते से पैसे नहीं निकाल पाएंगे। इसके चलते बैंको द्वारा करीबन एक लाख से ज्यादा लोगों को नोटिस भेजा गया है साथ ही जिन लोगों के पास पैन नंबर नहीं है उन्हें फार्म-60 भरकर बैंक में जमा करवाना पड़ेगा।

दरअसल इस योजना को भारत सरकार द्वारा लागू किया जा रहा है क्योंकि नोटबंदी के बाद बड़ी संख्या में लाखों से अधिक खातों में करोड़ो रूपये की राशि जमा करवाई गई है और वह खाते पैन नंबर से नहीं जुड़े हुए हैं। ऐसे में उन खातों मे पड़े पैसों का पता लगाने के लिए भारत सरकार ने ऐसा कदम उठाया है और खातों को पैन नंबर के साथ जोड़ना अनिवार्य कर दिया गया है, हालांकि यह नियम जिरो बैलेंस और जनधन खातों पर लागू नहीं होंगे। लीड बैंक मैनेजर आर. एस. मीणा के मुताबिक, अभी तक केवल 30% खाते ही पैन नंबर के साथ जुड़े हुए है जबकि 70%  खाते पैन नंबर के बिना खोले गए हैं,क्योंकि पहले बैंक में खाते खुलवाते समय पैन नंबर मांगा जाना अनिवार्य नहीं था पर इसे अब ही लागू कर दिया गया है।

इनकम टैक्स के एक अधिकारी ने बताया कि उन तमाम लोगों पर जांच की जाएगी जिनके पास एक से ज्यादा पैन कार्ड और खाते हैं, जिसका फायदा उठाकर वह अलग-अलग पैन कार्ड से अलग खातों में पैसे जमा करवाकर टैक्स से बचते हैं यह जांच अगले महीने से शुरू कर दी जाएगी, लेकिन 5 लाख से कम राशि जमा करवाने वाले खातों पर जांच नहीं होगी। जल्द ही पैन नंबर खाते के साथ जोड़ने के लिए एक निर्धारित समय तय किया जाएगा ऐसा न करने पर आपका खाता फ्रीज कर दिया जाएगा।

नोटबंदी के बाद कई खाताधारकों ने अपने अकाउंट में 5 लाख से ज्यादा की राशि जमा करवाई थी जिसके चलते आयकर विभाग ने करीबन 18 लाख लोगों को जमा पैसों की जानकारी देने का नोटिस भेजा था, लेकिन 9 लाख लोगों ने ही इस नोटिस का जबाव दिया। आयकर विभाग ने बाकी खाताधारकों को 31 मार्च तक का समय दिया है और साथ ही जबाव न देने पर सख्त कार्यवाही करने का निर्देश दिया। सरकार ने इसी को ध्यान में रखते हुए पैन कार्ड को सभी खातों से जोड़ने का निर्देश दिया है।

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