दुनियाभर में तबाही मचाने वाला कोरोना वायरस को लोग चीनी वायरस भी कहते हैं। साथ ही इस वायरस को कोविड-19 भी कहा जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी की डब्ल्यूएचओ ने कहा कि, किसी भी वायरस को किसी देश का नाम देना सही नहीं है। इस बात को ध्यान में रखते हुए डब्ल्यूएचओ ने भारत में मिले कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को नाम दिया है। संगठन के अनुसार B.1.617 को डेल्टा वेरिएंट के नाम से जाना जाएगा।

बता दे कि, कोरोना की पहली लहर भारत के लिए कम घातक रही लेकिन दूसरी लहर ने जमकर तबाही मचाई है। जानकारों  का कहना है कि, कोरोना के नए वेरिएंट के कारण ही देश में भारी स्तर पर महामारी का सामना करना पड़ा। नए वेरिएंट में लोगों को अलग-अलग बीमारियां हो रही हैं। इसमें ब्लैक फंगस भी शामिल है।

कोरोना से लड़ने के लिए सरकार के पास मजबूत स्वास्थ्य व्यवस्था तो नहीं है साथ ही वैक्सीन की किल्लत भी हो रही है। इस बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में टीकाकरण को महत्वपूर्ण बताते हुए सोमवार को कहा कि रूस के, कोविड-19 रोधी टीके स्पू​तनिक वी की पहली खेप राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को जून में मिलने की संभावना है।​ मुख्यमंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में अभी म्यूकर मायकोसिस के 944 मामले हैं। इनमें से 300 मरीजों का केंद्र सरकार के अस्पतालों में इलाज चल रहा है।

कोरोना का नया वेरिएंट सबसे पहले दिल्ली में मिला था। इस वायरस ने दिल्ली के साथ महाराष्ट्र में सबसे अधिक तबाही मचाई है। दिल्ली में आलम यह है कि, कोरोना से मरने वालों का अंतिम संस्कार करने के लिए जगह नहीं मिल रही है।

हालांकि अब केस में कुछ सुधार आया है। 24 घंटे के भीतर देश में 1,27,510 मामले समाने आए हैं वहीं, 2 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई है। समय के साथ वायरस का असर कम हो रहा है।

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