कौन हैं Safoora Zargar, जिनको निकालने पर जामिया में हो रहा विरोध प्रदर्शन; लगे भड़काऊ नारे

सफूरा जरगर वर्ष 2020 में दिल्ली में हुए दंगों की आरोपित हैं। उन्हें अप्रैल 2020 में गिरफ्तार भी किया गया था। हालांकि, अभी वे जमानत पर बाहर हैं। बता दें कि गर्भवती होने के कारण को लेकर कोर्ट में बेल की अर्जी दी गई थी।

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Safoora Zargar
Safoora Zargar

Safoora Zargar: जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने एक्टिविस्ट और एमफिल की स्कॉलर सफूरा जरगर का एडमिशन रद्द कर दिया है। यूनिवर्सिटी के इस फैसले के खिलाफ गुस्साए छात्र-छात्राओं ने कैंपस में प्रदर्शन शुरू कर दिया है। साथ ही इस दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों की ओर से भड़काऊ नारे भी लगाए जा रहे हैं।

वहीं, यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से बताया जा रहा है कि समय पर थीसिस जमा नहीं होने की वजह से एडमिशन रद्द कर दिया गया है। सफूरा जरगर ने इसके खिलाफ वाइस चांसलर को चिट्ठी भी लिखी है।

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कौन हैं Safoora Zargar?

सफूरा जरगर जामिया से पढ़ाई कर रही हैं। उन्होंने पांच सेमेस्टर होने के बाद भी अभी तक अपनी थीसिस सबमिट नहीं की है। इसे लेकर जामिया ने उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए दाखिला रद्द कर दिया है। इसे लेकर जामिया प्रशासन की ओर से कहा गया है कि उन्होंने एक्सटेंशन के लिए अप्लाई नहीं किया था। साथ ही उनके प्रोजेक्ट सुपरवाइजर को भी उनकी रिपोर्ट संतोषजनक नहीं लगी है। जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है।

सफूरा जरगर के पक्ष में जामिया में हुई नारेबाजी के वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं। डीन ऑफिस ने 26 अगस्त को नोटिस जारी कर उन्हें जानकारी दी कि उनका एडमिशन रद्द कर दिया गया है। जिसके बाद सफूरा ने खुद ट्वीट कर  जानकारी दी थी। सफूरा जामिया से MPhil की स्कॉलर थीं।

Safoora Zargar दिल्ली दंगोें की रहीं आरोपित

बता दें कि सफूरा जरगर वर्ष 2020 में दिल्ली में हुए दंगों की आरोपित हैं। उन्हें अप्रैल 2020 में गिरफ्तार भी किया गया था। हालांकि, अभी वे जमानत पर बाहर हैं। बता दें कि सफूरा को गर्भवती होने के कारण कोर्ट ने उन्हें बेल की अर्जी दे दी थी। दंगों की चार्जशीट में स्पेशल सेल ने सफूरा के कई चैट्स का भी खुलासा किया था। वे CAA और NRC के दौरान दंगों को भड़काने की साजिश में शामिल थीं।

डीन ऑफिस से जारी किए गए नोटिस के मुताबिक, प्रोफेसर कुलविंदर कौर के अंडर उनकी MPhil/PhD कई कारणों से रद्द कर दी गई है। उनके सुपरवाइज़र के अनुसार उनकी प्रोग्रेस संतुष्टजनक नहीं है। स्कॉलर के अधिकतम समय सीमा बीत जाने पर समय की मांग के लिए आवेदन नहीं किया गया है। स्कॉलर ने निर्धारित 5 सेमेस्टर और कोरोना के चलते मिले अतिरिक्त 6 वें सेमेस्टर तक अपनी डिजर्टेशन सब्मिट नहीं की है।

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Safoora Zargar को निकालने पर हो रहे हैं प्रदर्शन

जामिया यूनिवर्सिटी ने Safoora Zargar के बारे में दी जानकारी

दरअसल, सफूरा जरगर को 2018-19 कार्यक्रम में MPhil/PhD में एडमिशन कराया गया था। 22 अप्रैल 2021 के यूजीसी के मुताबिक, कोरोना की वजह से रेगुलर प्रोग्राम में 6 महीने का एक्सटेंशन कर दिया गया था।

Safoora Zargar ने रिसर्च पेपर नहीं किए जमा

कोविड की वजह से एक्सटेंशन के बाद भी उन्हें 6 फरवरी 2022 तक रिसर्च पेपर जमा कराने चाहिए थे, लेकिन उन्होंने नहीं किए। 8 अप्रैल को उन्हें ईमेल के माध्यम से नोटिस दिया गया था कि आरएसी उनके प्रवेश को रद्द करने के साथ आगे बढ़ रही है। उसके करीब दो महीने बाद 13 अप्रैल को उनका आवेदन मिला।

Safoora Zargar
Safoora Zargar

सफूरा ने इस आवेदन में दावा किया कि उनका रिसर्च वर्क पूरा हो गया था और वह इसे जमा करने के लिए तैयार थीं। इसलिए उसे एक और मौका देने के लिए कहा गया। 5 जुलाई 2022 को उसकी RAC बैठक ऑनलाइन आयोजित की गई थी। RAC जुलाई को DRC से सफूरा के प्रवेश को रद्द करने का सिफारिश की थी। उसके बाद 22 अगस्त 2022 को DRC और BOS ने प्रवेश रद्द करने की सिफारिश को मंजूरी दे दी।

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