Jitin Prasad : कौन हैं जितिन प्रसाद? जिनपर BJP ने खेला है पीलीभीत से दांव और वरुण गांधी को किया किनारे!

0
11

लोकसभा चुनावों में बस कुछ ही हफ्तों का समय शेष रह गया है। पार्टी भी देशभर में लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों को उतारने में जुटी हुई है। पहले चरण के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल हो रहे हैं। इसी बीच, उत्तर प्रदेश की पीलीभीत की लोकसभा सीट चर्चा का विषय बनी हुई है। यहां बीजेपी ने बड़ा बदलाव किया था, पार्टी ने जब 111 उम्मीदवारों की घोषणा की थी तो पीलीभीत से 2 दफा सांसद रहे वरुण गांधी का टिकट काट कर जितिन प्रसाद को दिया था। जिसपर आज बीजेपी की ओर से जितिन प्रसाद ने नामांकन भरा है। बता दें कि जितिन पहले कांग्रेस की ओर से भी सांसद (शाहजहांपुर और धौरहरा) रह चुके हैं। करीब 3 साल पहले उन्होंने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था। पीलीभीत से वरुण गांधी के बजाय जितिन को टिकट मिलने से कई सवाल उठ रहे हैं जैसे कि पार्टी ने जितिन को इस सीट से टिकट क्यों दिया और कौन हैं जितिन प्रसाद?

बीते काफी समय से वरुण गांधी बीजेपी के खिलाफ कुछ न कुछ बयान दे रहे थे जिसके बाद कयास लग रहे थे कि उनकी लोकसभा सीट इस बार लोकसभा चुनाव के लिए काटी जा सकती है। हालांकि, वरुण बीजेपी के साथ प्रचार-प्रसार और मंच सांझा करते हुए नजर या रहे थे। खबरें यह भी हैं कि वरुण को किसी अन्य लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया जा सकता है। वहीं कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि वरुण गांधी कांग्रेस में शामिल हो कर लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं।

कौन हैं जितिन प्रसाद?

जितिन प्रसाद का जन्म साल 1973 (29 नवंबर, 1973) में उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में हुआ था। जितिन ने अपनी शरुआती शिक्षा दून पब्लिक स्कूल, देहरादून, उत्तराखंड से की। वहीं, उन्होंने बी.कॉम कोर्स से अपनी ग्रेजुएशन दिल्ली विश्वविद्यालय से की है। जितिन एक एमबीए ग्रेजुएट हैं, उन्होंने अपनी एमबीए की पढ़ाई अंतर्राष्ट्रीय प्रबंधन संस्थान, दिल्ली से की है। यह कहना गलत नहीं होगा कि राजनीति उनकी रगों में है, जितिन के पिता जितेन्द्र प्रसाद भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गाँधी (1991) और पी॰ वी॰ नरसिम्हा राव (1994) के राजनीतिक सलाहकार थे। इसके साथ ही जितिन के पिता उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष (1995) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं।

जितिन का राजनीतिक करियर

पिता की तरह ही जितिन का राजनीति में सफर का आगाज कांग्रेस के साथ जुड़कर ही हुआ। साल 2001 में उन्हें युवा कांग्रेस का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया। 2004 में उन्होंने शहजहांपुर से लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 2009 के लोकसभा इलेक्शन में कांग्रेस ने जितिन को धौरहरा सीट से टिकट दिया। जितिन को वहां से भी जीत हासिल हुई। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान इन्हें कई बड़े मंत्री पदों पर बैठने का अवसर मिला। सन् 2008 में जितिन को केंद्र सरकार में केन्द्रीय राज्य इस्पात मंत्री का पद मिला। साल 2009 में जब कांग्रेस दोबारा सत्ता में आई तो जितिन को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में केन्द्रीय राज्यमंत्री बनाया गया। इसके बाद साल 2011 में उन्हें पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय में भी केन्द्रीय राज्यमंत्री का पद सौंपा गया। जबकि, 2012 से 2014 तक जितिन मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय में केन्द्रीय राज्यमंत्री रहे।

2014 में लोकसभा चुनाव में बीजेपी सत्ता में आ गई। बीजेपी के कार्यकाल के दौरान(2014-2024) के दौरान जितिन को लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। बता दें कि उन्होंने 2017 में यूपी की तिलहर विधानसभा से भी चुनाव लड़ा था लेकिन वहाँ पर भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी हार ही उनके हाथ आई।

एक समय में जितिन प्रसाद को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का खास करीबी माना जाता था। लेकिन साल 2021 (09 जून,2021) में जितिन प्रसाद ने कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। मौजूदा समय में वह यूपी सरकार में मंत्री हैं।

पीलीभीत से जितिन प्रसाद ने नामांकन किया दाखिल

पीलीभीत से बीजेपी के उम्मीदवार जितिन प्रसाद ने नामांकन दाखिल करने पर कहा, “यह मेरे लिए सम्मान की बात है कि पार्टी ने मुझपर विश्वास जताया और मुझे यहां से उम्मीदवार बनाया। प्रधानमंत्री मोदी के 10 वर्षों का कार्यकाल और उनके द्वारा किए गए कार्यों के ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए जनता फिर एक बार कमल खिलाएगी।”

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here