ओडिशा में शुक्रवार शाम तीन ट्रेनों के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद 230 से अधिक लोगों की मौत हो गई। अब सब इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि आखिर किन गलतियों के चलते इस तरह का भीषण हादसा हो गया? क्या यह सिर्फ एक हादसा है या इसके पीछे मानवी चूक है?
आपको बता दें कि शुक्रवार शाम 6.50 बजे से 7.10 बजे के दौरान यह हादसा पेश आया। जब ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनें टकरा गईं। दरअसल पहले तो कोरोमंडल शालीमार एक्सप्रेस एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। जिसके बाद वह पटरी से उतर गई और उसके डिब्बे उस ट्रैक पर आ गए जहां यशवंतपुर-हावड़ा सुपरफास्ट आ रही थी। घटना इतनी भयंकर कि दोनों ट्रेनों के सत्रह डिब्बे बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। रेल मंत्रालय ने दुर्घटना के कारणों की जांच के आदेश दिए हैं।
ये सबसे बड़ा सवाल है कि बैक-टू-बैक दुर्घटनाएं कैसे हुईं? लेकिन यह साफ है कि एक ही जगह पर तीन ट्रेनों के बीच दो टक्करें हुईं। एक सवाल ये भी है कि कोरोमंडल शालीमार एक्सप्रेस मालगाड़ी के सामने आई कैसे?
क्या है कवच?
गौरतलब है कि रेल मंत्रालय देशभर में ट्रेनों के बीच होने वाले टकराव से बचने के लिए “कवच” प्रणाली पर काम कर रहा है। कवच प्रणाली के मुताबिक जब एक ट्रेन सिग्नल को पार करती है तो अलर्ट मिलता है। यह सिस्टम ट्रेन के ड्राइवर को सतर्क करता है जिससे ब्रेक को नियंत्रित किया जा सकता है और उसी ट्रैक पर दूसरी ट्रेन को नोटिस करने पर ट्रेन को रोका जा सकता है। मिली जानकारी के मुताबिक दुर्घटना में शामिल ट्रैक पर कवच प्रणाली काम नहीं कर रही थी।