सिक्किम में डोकलाम  इलाके को लेकर लगातार तनातनी जारी है। पर अब यह तनातनी एक नया रूप लेते हुए दिख रही है। दरअसल चीन की एक अखबार में छपी खबर के मुताबिक  अगर भारत, चीन की बात नहीं सुनता है तो चीन अपनी सैन्य ताकत का इस्तेमाल करने को मजबूर हो जाएगा। चीन का सरकारी मीडिया और थिंक टैंक यहां तक कह चुके हैं कि अगर दोनों देशों के बीच पैदा हुए विवाद को सही तरीके से संभाला नहीं गया, तो ‘युद्ध भी हो सकता है।’

बता दें कि चीन का कहना है कि सिक्किम सेक्टर में भारत के साथ पैदा हुए सैन्य गतिरोध में समझौते की कोई संभावना नहीं है। चीन ने कल भारत पर गंभीर स्थिति पैदा करने का आरोप लगाया। भारत में चीन के राजदूत लुओ झाओहुई ने कहा कि गेंद अब भारत के पाले में है। भारत सरकार को समाधान के बारे में फैसला लेना है।

दरअसल चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स से बातचीत में शंघाई एकैडमी ऑफ सोशल साइंसेज के रिसर्च फेलो हू झियोंग का कहना है कि, ‘इतिहास का हवाला देते हुए चीन, भारत को समझाने की हर मुमकिन कोशिश कर रहा है और शांति से समस्या के समाधान के लिए ईमानदारी से काम रहा है। अगर भारत नहीं सुनता है, तो फिर चीन के पास समस्या को सुलझाने के लिए सैन्य तरीका आजमाने के सिवा कोई रास्ता नहीं बचेगा।’

इतना ही नहीं चीन ने भारत पर उकसाने का आरोप लगाया है।  हू ने दावा किया कि भारत चीन को इसलिए उकसा रहा है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के वक्त ट्रंप के सामने यह साबित करना चाहता था कि भारत, चीन से टक्कर लेने का माद्दा रखता है। हू ने कहा कि ट्रंप ओबामा की तरह नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘ओबामा का मानना था कि भारत उनके लिए इसलिए अहम है क्योंकि दोनों देशों के मूल्य एक जैसे हैं, लेकिन ट्रंप बहुत व्यवहारिक हैं। वह भारत को एक महत्वपूर्ण साथी के तौर पर नहीं देखते, क्योंकि उनकी नजर में भारत, चीन से टक्कर लेने के लिए बहुत कमजोर है।

गौरतलब है कि सिक्किम में डोकलाम एरिया में भारत, चीन और भूटान के बीच 19 दिनों से गतिरोध चल रहा है। तो वहीं भारत-चीन सीमा पर घुसपैठ में इस साल 20 से 25 फीसदी बढ़ोतरी हुई है और इसके बावजूद भी  बॉर्डर की कमान आईटीबीपी से लेकर सेना को सौंपने का सरकार का कोई इरादा नहीं है ।

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