Bikru murder case वाले Vikas Dubey की पत्नी ऋचा दुबे पहुंची Supreme Court

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कानपुर के Bikru murder case के मुख्य आरोपी विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनोती दी है। ऋचा दुबे ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर चौबेपुर थाने में उनके खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ऋचा दुबे की इस याचिका पर 29 नवंबर को सुनवाई करेगा।

दरअसल फर्जी नाम से सिम कार्ड लेने के मामले मे 9 नवम्बर 2020 को FIR दर्ज की गई थी। जिसको लेकर ऋचा दुबे ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी लेकिन हाईकोर्ट ने ऋचा दुबे को राहत देने से इनकार कर दिया था और उनकी याचिका को खारिज कर दिया था।

HC ने धारा 419, 420 के तहत राहत देने से इनकार कर दिया था

हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि आईपीसी की धारा 419, 420 के तहत दूसरे व्यक्ति के सिम कार्ड का इस्तेमाल करके कपट और धोखाधड़ी के मामले में दाखिल चार्जशीट पर कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा। यह आदेश जस्टिस शमीम अहमद ने ऋचा दुबे के अधिवक्ता प्रभाशंकर मिश्र और राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल की बहस के बाद दिया था।

दरअसल ऋचा दुबे के खिलाफ एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर कानपुर नगर के चौबेपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। पुलिस ने रमाबाई नगर (कानपुर देहात) की विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की है, जिसके बाद से इस मामले में ऋचा दुबे के खिलाफ मामला चल रहा है।

बिकरू गांव में विकास दुबे ने CO समेत 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी

गौरतलब है कि 2 जुलाई 2020 की आधी रात 12:45 बजे। बिकरू गांव में गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने सीओ समेत 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। पुलिस और एसटीएफ ने मिलकर आठ दिन के भीतर विकास दुबे समेत छह बदमाशों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। 45 आरोपी जेल में बंद हैं।

इस केस का ट्रायल अब भी जारी है। दो जुलाई 2020 की को चौबेपुर के जादेपुरधस्सा गांव निवासी राहुल तिवारी ने विकास दुबे व उसके साथियों पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया था। एफआईआर दर्ज करने के बाद उसी रात करीब साढ़े बारह बजे तत्कालीन सीओ बिल्हौर देवेंद्र कुमार मिश्रा के नेतृत्व में बिकरू गांव में दबिश दी गई।

यहां पर पहले से ही विकास दुबे और उसके गुर्गे घात लगाए बैठे थे। घर पर पुलिस को रोकने के लिए जेसीबी लगाई थी। पुलिस के पहुंचते ही बदमाशों ने उनपर छतों से गोलियां बरसानी शुरू कर दी थीं। कुछ ही समय में विकास दुबे सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करके अपने साथियों के साथ फरार हो गया था।

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