पाकिस्तान द्वारा कुलभूषण जाधव को फांसी की सज़ा सुनाये जाने का विरोध पूरे देश में हो रहा है। हर तबके के लोग अपने-अपने तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और कुलभूषण को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। इस क्रम में अब उत्तर प्रदेश के वकील भी शामिल हो गए हैं। सूबे के वकीलों ने 17 अप्रैल यानी सोमवार को कोर्ट में न्यायिक कार्य ना करने का निर्णय लिया है।

बार काउंसिल ऑफ यूपी ने किया आह्वान

221बार काउंसिल ऑफ यूपी के अध्यक्ष अनिल प्रताप सिंह ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि बार काउंसिल ऑफ यूपी के आह्वान पर यूपी के सभी अधिवक्ताओं ने 17 अप्रैल को कोर्ट में काम ना करने और कुलभूषण को फांसी की सजा दिए जाने का विरोध करने का फैसला किया है। इस दौरान वकील, केंद्र सरकार पर दवाब बनाएंगे कि वे कुलभूषण को जल्द से जल्द सुरक्षित बचाकर भारत वापस लाए। बार काउंसिल ऑफ यूपी के इस अनुरोध पर सभी वकीलों ने अपनी सहमति जताई। सभी अधिवक्ताओं ने अपने-अपने मुख्यालयों पर इससे संबंधित ज्ञापन कमिश्र्नर, डिस्ट्रिक्ट जज और डीएम को सौंपे।

गौरतलब है कि भारत के पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण सुधीर जाधव  को पिछले सोमवार को पाकिस्तान की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। कुलभूषण को भारत का रॉ एजेंट होने के आरोप में मार्च 2016 में पाकिस्तानी फोर्स ने ब्लूचिस्तान से गिरफ्तार किया था। वह तभी से उनके गिरफ्त में हैं। भारत में नेता, अभिनेता, गायक, खिलाड़ी समेत सभी नागरिक कुलभूषण को बचाने के लिए अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं।

भारत ने कुलभूषण से मिलने के लिए  पाकिस्तान से कई बार अपील की लेकिन उसने हर अपील को खारिज कर दिया। जिसके बाद भारत ने 16 अप्रैल को पाकिस्तान के साथ होने वाली हर स्तर की वार्ता को रद्द कर दिया। अब सवाल यह है कि कुलभूषण कब और कैसे आएगा भारत…?

भारत द्वारा बंद की गई बातचीत का कितना असर पाकिस्तान पर पड़ेगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन कुलभूषण को बचाने के लिए भारत को कुछ और बड़े कदम उठाने की जरूरत है। हालांकि गृहमंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने देश से वादा किया है कि कुलभूषण को किसी भी कीमत पर सुरक्षित भारत लाया जाएगा।

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