सूनी आंखों से हॉस्पीटल में जिंदगी के जख्मों को गिनती ये महिला यूपी पुलिस की हैवानियत से पीड़ित है…इंसाफ की राह देख रही यह महिला अपने परिजनों के साथ ही समाज की रक्षक कही जाने वाली पुलिस की हैवानियत से पीड़ित है…इंसाफ के लिए कानपुर देहात के मंगलपुर थाना जाना इसकी जिंदगी का सबसे बड़ा अमंगल बन गया…पीड़ित महिला के मुताबिक थाने के पुलिसकर्मियों ने उसे रात में थाने बुलाया और उसके साथ एसएचओ समेत तीन पुलिसकर्मियों ने छेड़खानी की…वह उनसे छोड़ देने की प्रार्थना करती रही लेकिन एसएचओ और विनोद नामक पुलिसकर्मी समेत तीन पुलिसकर्मियों ने उससे छेड़खानी की…और भागने पर फिर धक्का देकर कमरे में बंद कर दिया…
पीडित महिला की शिकायत पर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ शासन स्तर से जाच के आदेश दिये गए है…लेकिन आरोपी पुलिसकर्मियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई…वहीं जब इस संगीन मामले में एपीएन संवाददाता ने कानपुर देहात के पुलिस अधीक्षक से बात करनी चाही तो उन्होंने साफ तौर से कहा कि, आप क्या समझते हैं कि, हम इस मामले में कुछ बोलेंगे क्या…इतना ही नहीं एसपी रत्नकान्त पाण्डेय बोलने की बजाय बेशर्मी से मुस्कुराते दिखे…इससे ऐसे गंभीर मामले में एसपी की संवेदनहीनता साफ जाहिर होती है…
आरोपी पुलिसकर्मियों पर कोई कार्रवाई न होने और बदनामी के चलते परिजनों ने महिला को जहर पिला दिया… जिसके चलते महिला की हालत नाजुक बनी हुई है…उसे कानपुर रेफर कर दिया गया है…
वहीं पीड़ित के पति का कहना है कि, पुलिस उन्हें ही गिरफ्तार करने में लगी है…
इंसाफ दिलाने की बजाय यूपी पुलिस कहीं वसूली तो कहीं छेड़खानी के आरोपों में घिरी है…इस महिला का दर्द जिले के एसपी साहेब भी नहीं महसूस कर पा रहे हैं…और तो और वह महकमे के आरोपी पुलिसकर्मियों को ही बचाने में जुटे हैं…ऐसे में सवाल यही कि, क्या उत्तर प्रदेश के नये डीजीपी इस महिला को न्याय दिला सकेंगे…और क्या आरोपी पुलिसकर्मियों पर कानूनी कार्रवाई होगी…
-ब्यूरो रिपोर्ट एपीएन कानपुर