हवाई यात्रियों को नवंबर में सबसे ज्यादा शिकायत सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया से रही। वहीं, देश के चार बड़े हवाई अड्डों से समय पर उड़ान भरने (ओटीपी) के मामले में गो एयर सबसे आगे रही। नागर विमानन महानिदेशालय के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में एयरलाइंस के खिलाफ कुल 786 यानी प्रति एक लाख यात्री 6.7 शिकायतें आयीं। इनमें एयर इंडिया के खिलाफ प्रति एक लाख यात्री सर्वाधिक 17 शिकायतें मिलीं। जेटएयरवेज और जेट लाइट का औसत प्रति एक लाख यात्री 14 शिकायतों का रहा। इनके बाद प्रति एक लाख यात्री पाँच शिकायत के साथ इंडिगो, चार शिकायत के साथ ट्रूजेट, दो-दो शिकायत के साथ एयर एशिया, गो एयर और विस्तारा तथा एक शिकायत के साथ स्पाइसजेट का स्थान रहा।

यात्रियों की सबसे ज्यादा 31.8 प्रतिशत शिकायत उड़ान संबंधी समस्याओं को लेकर तथा 31 प्रतिशत ग्राहक सेवा को लेकर रही। 23.9 प्रतिशत शिकायतें बैगेज और 4.6 फीसदी कर्मचारियों के व्यवहार को लेकर रही हैं। एयर ओडिशा, एयर डेक्कन और गो एयर की शतप्रतिशत उड़ानें रद्द रहीं। लेकिन, परिचालन करने वाली कंपनियों में इस मामले में भी एयर इंडिया का प्रदर्शन सबसे खराब रहा। उसकी 2.74 प्रतिशत उड़ानें रद्द हुईं। जेटलाइट की 0.74 प्रतिशत, स्पाइसजेट और इंडिगो तीनों की 0.70 प्रतिशत, एयर एशिया की 0.60 प्रतिशत, जेट एयरवेज की 0.58 प्रतिशत और ट्रूजेट की 0.52 प्रतिशत उड़ानें रद्द हुईं। गोएयर और विस्तारा ने सबसे कम 0.15 प्रतिशत उड़ानें रद्द कीं।

नवंबर में उड़ानें रद्द होने की सबसे बड़ी वजह विमान के पिछली उड़ान में रद्द या विलंब होना रहा है। इस कारण से 43.2 प्रतिशत उड़ानें रद्द हुईं। तकनीकी कारणों से 23.8 प्रतिशत, खराब मौसम की वजह से 15.3 प्रतिशत, परिचालन कारणों से 9.4 प्रतिशत और वाणिज्यिक कारणों से 8.2 प्रतिशत उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। देश के चार बड़े हवाई अड्डों दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और बेंगलुरु में समय पर ओटीपी के मामले में 87 प्रतिशत के साथ गोएयर पहले स्थान पर रही। विस्तारा 86.1 प्रतिशत के साथ दूसरे और इंडिगो 79.2 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर रही। स्पाइसजेट का ओटीपी 78.3 प्रतिशत, जेट एयरवेज और जेट लाइट का 76.6 प्रतिशत और एयर इंडिया का सबसे कम 64 प्रतिशत रहा।

साभार, ईएनसी टाईम्स

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