दूध उत्पादन के मामले में दुनिया में पहला स्थान भारत का है। अब मोदी सरकार दुग्ध उत्पादन को और रफ्तार देने की सोच रही है। सरकार ने 2023-24 तक दुग्ध उत्पादन बढ़ाकर 30 करोड़ टन करने के उद्देश्य से मौजूदा वित्त वर्ष में 10 करोड़ कृत्रिम गर्भाधान का लक्ष्य रखा है।  यह लक्ष्य राज्यवार तय किया गया है। इससे पहले 2015-16 के दौरान यहां 155.48 मिलियन टन वार्षिक दूध का उत्‍पादन हुआ, जो विश्‍व के उत्‍पादन का 19 प्रतिशत है। सरकार के इस उद्देश्य से दूध के दाम में गिरावट आने की भी संभावना है।

केंद्र सरकार के मुताबिक केंद्रीय कृषि मंत्रालय राष्ट्रीय गौकुल मिशन के तहत कृत्रिम गर्भाधान को बढ़ावा दे रहा है। उत्‍पादकता में वृद्धि करने की महत्‍वपूर्ण कार्यनीति कृत्रिम गर्भाधान सुनिश्चित करना है। कृत्रिम गर्भाधान देश में बोवाईनों की आनुवंशिक क्षमता का उन्‍नयन करते हुए उनके दूध उत्‍पादन और उत्‍पादकता को बढ़ाकर बोवाइन आबादी की उत्‍पादकता में सुधार करने में महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

बता दें कि इन योजनाओँ में दोहरे लाभ का लक्ष्य रखा गया है-

  1. दूध उत्पादन को बढ़ाना
  2. किसानों की आय को बढ़ाना
  3. रोजगार उपलब्ध कराना

पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन विभाग, कृषि मंत्रालय का एक विभाग है जो पशुधन उत्पाद, उनके संरक्षण, रोगों से सुरक्षा तथा पशुधन में सुधार तथा डेयरी विकास का कार्यभार संभालती है।

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