2013 में मिस्र की राजधानी काहिरा में प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बलों ने कम से कम 800 लोगों को मार दिया था। मिस्र की एक अदालत ने 2013 के प्रदर्शन मामले में मुस्लिम ब्रदरहुड के प्रमुख नेताओं सहित 75 लोगों को मौत की सजा सुनाई है कोर्ट ने 739 अभियुक्तों वाले मामले में ब्रदरहुड के प्रमुख मोहम्मद बडाई और 46 अन्य को उम्रकैद की सजा सुनाई। इन पर हत्या और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप थे।

वहीं एक फोटो जर्नलिस्ट महमूद अबु जैद को पांच साल कैद की सजा सुनाई गई है। उसे ‘शौकन’ के नाम से भी जाना जाता है। शौकन को अगस्त 2013 को सुरक्षाबलों और अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी के समर्थकों के बीच हिंसक लड़ाई को कवर करने के लिए गिरफ्तार किया गया था।

एमनेस्टी इंटरनेशनल के हुसैन बॉमी ने कहा, ”कोर्ट में अभियुक्तों के पक्ष में सभी चश्मदीद और सबूत पेश नहीं करने दिए गए। लेकिन दूसरा पक्ष जो भी सबूत कोर्ट में ला रहा था उसे स्वीकार कर लिया गया. सभी 75 मौत की सजाएं राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं। इसके जरिए लोगों को ये साफ संदेश दिया गया है कि अगर वर्तमान सरकार के ख़िलाफ प्रदर्शन किया गया तो इसी तरह सजा दी जाएगी. वहीं, सुरक्षा बलों को आसानी से माफी दे दी गई है।”

गौरतलब है कि 2013 में इस प्रदर्शन को समाप्त कराने के लिए सुरक्षाबलों की कार्रवाई में कम से कम 600 लोग मारे गए थे। इनमें सबसे ज्यादा मौत काहिरा के राबा अल-अदविया स्कवेयर पर हुई थी। ये प्रदर्शनकारी मुर्सी के समर्थक और मुस्लिम ब्रदरहुड के सदस्य थे। प्रदर्शनकारी अब्देल फ़तह अल-सिसी के सैन्य तख़्तापलट के ख़िलाफ़ मोरसी के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे थे। अल-सिसी ने तीन जुलाई 2013 को तख्तापलट कर दिया था।

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