महाराष्ट्र में दूध आंदोलन को चार दिन हो गए हैं। कल रात राज्य सरकार ने स्वाभिमानी श्वेतकारी संगठन के अध्यक्ष राजू शेट्टी के साथ बैठक की। दो घंटे चली इस बैठक में राजू शेट्टी ने अपनी मांगे कैबिनेट मंत्री गिरीश महाजन के सामने रखी। इनमे से कुछ मांगे पूरी करने के लिए सरकार तैयार भी है, लेकिन किसानों को पांच रुपए सब्सिडी देने पर सरकार और राजू शेट्टी के बीच बात नहीं बन पाई। राज्य में दूध किसान सरकार से दूध के दाम में बढोत्तरी करने की मांग कर रहे हैं।

दूध की खरीद के लिये अधिक कीमतों की मांग को लेकर यह आंदोलन सोमवार को शुरू हुआ था। शेट्टी की पार्टी ने राज्यभर में आंदोलन का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने किसानों से सड़कों को अवरुद्ध करने की अपील की है

सीएम देवेंद्र फडणवीस ने राज्य विधानसभा में ऐलान किया कि वर्तमान में चल रही दूध की हड़ताल के दौरान दुग्ध उत्पादकों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिये जाएंगे। फडणवीस ने हालांकि स्पष्ट किया कि ऐसे लोगों पर दर्ज मामले वापस नहीं लिये जाएंगे जो दुग्ध उत्पादक तो नहीं हैं लेकिन उनपर हड़ताल के दौरान हिंसा में संलिप्त होने के आरोप हैं

दरअसल, कीमत बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों का कहना है कि एक लीटर दूध के उत्पादन में 30 रुपये खर्च आता है। सरकार ने प्रतिलीटर 27 रुपए कीमत तय कर रखी है। दूध संघ दूध के फैट के हिसाब से 17 से 25 रुपये ही भुगतान करते हैं। एक लीटर दूध पर किसानों को 10 रुपए का नुकसान हो रहा है। बता दें कि किसान दूध के दाम प्रतिलीटर 5 रुपए बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। सरकार दूध खरीदने वाले सहकारी और निजी संगठनों से तीन रुपए प्रतिलीटर कीमत बढ़ाने की बात कही है।

महाराष्ट्र के कई इलाकों में सड़कों पर किसान दूध फेंककर बहा रहे हैं। कुछ किसान जो छिप छिपा के दूध की वैन ले जा रहे हैं उन्हें भी विरोध झेलना पड़ रहा है। हर रोज दूध बेचकर कमाने वाले किसानों का कहना है हमारे पास खाने के लाले पड़ रहे हैं। इस सबके बाद भी सरकार सब कुछ ठीक होने का दावे कर रही है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here