कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में नक्सली हमलों में सुरक्षा बलों के जवानों की शहादत पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि रमन सरकार इसको लेकर अपनी जवाबदेही से नही बच सकती है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने आज यहां प्रेस कान्फ्रेंस में आरोप लगाया कि देश में होने वाली नक्सल वारदातों में 50 प्रतिशत से अधिक केवल छत्तीसगढ़ में हुई है। उन्होने दावा किया कि 15 वर्षों की रमन सरकार एवं साढ़े चार वर्ष की मोदी सरकार के कार्यकाल में नक्सलियों के हौसले काफी बुलन्द हुए है। उन्होने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खात्मे के लिए रमन सरकार को शाबासी देते है और दूसरी ओर राज्य में नक्सलवाद से प्रभावित जिलों में मुख्यमंत्री का गृह जिला कबीरधाम भी शामिल हो जाता है।

उन्होने कहा कि मोदी एवं रमन सरकार जवानों की वीरता का श्रेय लेने का तो कोई मौका नही छोड़ती है तो उन्हे उन पर बढ़ते नक्सली हमले,बढ़ती शहादत की जिम्मेदारी और जवाबदेही भी लेनी चाहिए। पर जब जिम्मेदारी लेने की बात आती है तो वह इसकी बजाय कांग्रेस पर बयानबाजी कर सच से बचने की कोशिश करती है। उन्होने यह भी दावा किया कि भाजपा शासनकाल में नक्सलियों के हौसले बुलन्द हुए है,और उसके शासित राज्यों में सबसे ज्यादा शहादत हुई है।

नोटबन्दी के समय मोदी एवं डा.रमन सिंह समेत दूसरे भाजपा नेताओं और मंत्रियों के इससे नक्सलवाद खत्म होने के किए गए वादे का जिक्र करते हुए उन्होने कहा कि नोटबन्दी पर किए गए दावे भी जुमला साबित हुए है।उन्होने कहा कि नक्सलवाद के खिलाफ भाजपा की लड़ाई की बाते खोखली एवं कमजोर है,यह उनके नही बल्कि गृह मंत्रालय के आकड़े सिद्ध करते है।

शेरगिल ने छत्तीसगढ़ में बढ़ती नक्सली घटनाओं के लिए फंड में कटौती को एक प्रमुख कारण बताते हुए कहा कि मोदी एवं रमन सरकार आकड़ो में हेराफेरी कर नक्सली समस्या को कम कर दिखाने की कोशिश करते रहे है,लेकिन इनकी हकीकत कल बीजापुर जिले में हुए नक्सली हमले में जवानों की शहादत की घटना बया करती है।उन्होने कहा कि यूपीए सरकार द्वारा नक्सल उन्मूलन के लिए राज्य को दी जाने वाली राशि में काफी कटौती हुई है।

भाजपा के नक्सलियों के शहरी नेटवर्क में शामिल लोगो से कांग्रेस के सम्बन्ध होने के आरोपो के बारे में पूछे जाने पर उऩ्होने कहा कि अगर उन्हे लगता है कि कांग्रेस के किसी नेता या कार्यकर्ता के नक्सलियों से सम्बन्ध है तो उसे गिरफ्तार करने और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने से उन्हे किसने रोका है। केन्द्र में उनकी राज्य में उनकी सरकार है। एक प्रश्न के उत्तर में उऩ्होने कहा कि नक्सलियो से बातचीत करना है या फिर उन्हे सख्ती से कुचलना है यह तय करने वाली कांग्रेस कौन होती है।भाजपा केन्द्र एवं राज्य में सत्ता में है,नक्सलवाद के खात्मे के लिए जो भी कदम उठाना है उठाए,किसने मना किया है।

                                                                                                            –साभार,ईएनसी टाईम्स

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