राजस्थान के विवादित आईपीएस अधिकारी इंदुभूषण को केंद्र सरकार ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति पर भेज दिया है… राजस्थान सरकार की सिफारिश पर ये कार्रवाई की गई है.. अपने विवादास्पद बयानों और गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के चलते लंबे समय से इंदु भूषण एपीओ चल रहे थे… 1989 बैच के आईपीएस अफसर इंदु भूषण को उनकी सेवा के दौरान 5 बार एपीओ रहे. उन पर अपने घर पर बालश्रम करवाने के आरोप भी लगे थे और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उनके घर से बालश्रमिकों को मुक्त कराया था. केंद्रीय गृहमंत्रालय ने इंदु भूषण को सेवानिवृत्त करने के आदेश जारी कर दिए हैं…

इंदू भूषण रिकॉर्ड पांच बार एपीओ रहे और सितम्बर 2016 में भूषण हैदराबाद में राज्यपाल से उलझने से पहले साल 2013 में उन पर अपने चालक और गनमैन से हुए विवाद के चलते भी चर्चा में आए थे. कथित रूप से गाली-गलौज करने और मारपीट करने का उनपर आरोप लगा. इंदू भूषण 5 फरवरी 1997 से 12 मई 1997 तक पहली बार APO रहे…  8 सितंबर 2005 से 16 दिसंबर 2005 तक दूसरी बार, 26 जुलाई 2013 से 5 जनवरी 2014 तक तीसरी बार और पिछले तीन वर्षों में दो बार और एपीओ रह चुके हैं. फिलहाल भी एडीजी नियम के पद पर अंतिम बार काम करते हुए उन्हें एपीओ किया गया था…

पिछले वर्ष राजस्थान पुलिस महानिदेशक अजीत सिंह शेखावत ने एडीजी इंदु कुमार भूषण को सस्पेंड करने की गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया को सिफारिश की थी. लेकिन गृहमंत्री ने तब कार्रवाई को विराम लगाते हुए इंदु भूषण को सस्पेंड करने का आदेश जारी नहीं किया था. पुलिस महानिदेशक अजीत सिंह शेखावत ने दो पेज के एक लंबे चौड़े पत्र में इंदुभषण को सस्पेंड करने के लिए गृह विभाग को लिखा था. गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के चलते उन्हें सस्पेंड करने की यह सिफारिश गृह विभाग के प्रमुख सचिव दीपक उप्रेती ने गृहमंत्री को रेफर की थी… इंदुभूषण राज्य के आईपीएस अफसरों पर खुले मंच से भ्रष्टाचार के आरोप भी लगा चुके हैं।

—ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन

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