प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 35वीं बार देश से मन की बात की। इस बार उन्होंने राम रहीम की सजा पर हुई हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि “संप्रदाय, धर्म या व्‍यक्ति के नाम पर आस्‍था के आधार पर हिंसा की इजाजत नहीं दी जा सकती।”

बता दें कि इस दौरान प्रधानमंत्री ने आस्था और सांप्रदायिक हिंसा जैसे मुद्दों पर बात करते हुए कहा कि, “एक तरफ देश उत्सवों में डूबा है और दूसरी तरफ हिन्दुस्तान के किसी कोने से हिंसा की खबरें आतीं हैं तो देश को चिंता होना स्वाभाविक है। यह हमारा देश बुद्ध और गांधी का देश है, देश की एकता के लिए जी जान लगा देने वाले सरदार पटेल का देश है। सदियों से हमारे पूर्वजों ने सार्वजनिक मूल्यों, अहिंसा को, समादर को स्वीकार किया है। ये हमारे जहन में भरा हुआ है।”

इस मौके पर मोदी ने कहा कि देश के हर नागरिक को कानून का पालन करना होगा। कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं।’ पीएम मोदी ने आगे कहा कि इस देश में सबको न्याय पाने का हक है। इतना ही नहीं उन्होंने बाबा साहेब अंबेडकर का जिक्र करते हुए कहा कि “बाबा साहेब के बनाए कानून में हिंसा की कोई जगह नहीं है। अगर कोई व्यक्ति या संस्था हिंसा करती है या कानून हाथ में लेगा तो कोई भी सरकार इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।”

इस अवसर पर उन्होंने देशवासियों को विभिन्न त्योहारों की शुभकामनाएं दी। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि “जैन समाज में संवत्सरी का पर्व, केरल में ओणम, गणेश चतुर्थी और ईद उल जुहा की शुभकामनाएं। त्योहार विदेशियों को आकर्षित करने का अवसर हैं। त्योहार हमारे लिए आस्था और विश्वास के प्रतीक तो है ही, पारिवारिक जीवन में भी त्योहार और स्वच्छता परस्पर जुड़े हुए हैं। हमें नए भारत में त्योहारों को स्वच्छता का भी प्रतीक बनाना है।

इन सबके अलावा पीएम मोदी ने 29 अगस्‍त को मेजर ध्‍यानचंद का जन्‍मदिन दिवस की याद दिलाते हुए कहा कि इस अवसर को हम खेल दिवस के रूप में मनाते हैं। ऐसे में देश की नई पीढ़ी से खेलों से जुड़ने का आग्रह किया।

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