“हाथ पकड़कर मंच तक ले गए, फिर सीने से लगाया”, कुछ ऐसी रही जगद्गुरु रामभद्राचार्य से PM Modi की मुलाकात

PM Modi: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की तपोभूमि चित्रकूट में पीएम मोदी ने तुलसी पीठ के जगद्गुरु रामभद्राचार्य से भेंट की और उनका आशीर्वाद लिया...

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Prime Minister Narendra Modi seeks blessings of Jagadguru Ramanandacharya of the Tulsi Peeth, in Chitrakoot.
Prime Minister Narendra Modi seeks blessings of Jagadguru Ramanandacharya of the Tulsi Peeth, in Chitrakoot.

PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शुक्रवार (27 अक्टूबर) को चित्रकूट के दौरे पर रहे। यहां मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की तपोभूमि चित्रकूट में पीएम मोदी ने तुलसी पीठ के जगद्गुरु रामभद्राचार्य से भेंट की और उनका आशीर्वाद लिया। इस दौरान जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने उन्हें गले से लगा लिया। पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान जगद्गुरु काफी भावुक नजर आए। इसके बाद पीएम उन्हें उनके आसान तक ले गए और उन्हें बैठने में सहयोग किया।

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Prime Minister Narendra Modi seeks blessings of Jagadguru Ramanandacharya of the Tulsi Peeth, in Chitrakoot.

PM Modi ने कांच मंदिर में की पूजा अर्चना

पीएम मोदी ने तुलसी पीठ में कांच मंदिर में भी पूजा-अर्चना की। इसके अलावा, वे सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट की स्थापना करने वाले स्वर्गीय अरविंद भाई मफतलाल के जन्म शताब्दी कार्यक्रम में भी शामिल हुए।

PM Modi ने बदल दी देश की काया -जगद्गुरु रामभद्राचार्य

जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश का कायाकल्प कर दिया और पीएम मेरे मित्र हैं। उन्होंने कहा कि मुझे आंख नहीं चाहिए, बल्कि भारत में बार-बार जन्म चाहिए। मैंने अब तक 230 पुस्तकें लिखी हैं, जिसमें से पीएम मोदी 3 का लोकार्पण करने जा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि रामचरित मानस को ही राष्ट्र ग्रन्थ होना चाहिए।

पीएम मोदी से मुलाकात के बाद जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि सांसारिक जीवन में मेरे 2 मित्र हैं। एक नरेंद्र मोदी हैं, यह कोई चाटुकारिता नहीं है और अलौकिक मित्र श्री कृष्ण हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘नरेंद्र मोदी जी ने देश की काया बदल दी। कौन कल्पना कर सकता था कि चंद्रयान-3 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंच जाएगा।’

मैं इन पुस्तकों को जगद्गुरु जी का आशीर्वाद मानता हूं -PM Modi

पीएम मोदी ने जगद्गुरु रामभद्राचार्य से आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा, “नमो राघवाये। मैं चित्रकूट की पवन भूमि को प्रणाम करता हूं। आज मुझे संतों का आशीर्वाद मिला है। जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी का मुझे प्रेम मिलता रहता है। जगद्गुरु जी के पुस्तकों के विमोचन का मौका मिला है। मैं इन पुस्तकों को जगद्गुरु जी का आशीर्वाद मानता हूं।”

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