किसी देश में कुछ लोग गलत हो सकते हैं, कुछ अधिकारी गलत हो सकते हैं लेकिन पाकिस्तान ऐसा देश है जहां खुफिया एजेंसियों से लेकर बड़े-बड़े अधिकारी किसी न किसी गलत काम में संलिप्त हैं। वे हमेशा से ही भारत के खिलाफ कोई न कोई षड्यंत्र रचते रहते हैं। ऐसा ही एक और मामला सामने आया है जो इतिहास में शायद कभी नहीं हुआ। दरअसल, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पहली बार एक पाकिस्तानी राजनयिक को अपनी ‘वॉन्टेड’ लिस्ट में शामिल किया है। उन्होंने उसकी फोटो जारी करते हुए उसके बारे में सूचनाएं मांगी हैं। एनआईए ने आमिर जुबैर सिद्दीकी समेत दो अन्य पाकिस्तानी अधिकारियों को इस लिस्ट में शामिल किया है।

आमिर जुबैर सिद्दीकी कोलंबो स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में वीजा काउंसलर के तौर पर तैनात हैं। इन लोगों पर अमेरिका और इजरायल के दूतावासों पर 26/11 जैसे आतंकी हमले की साजिश रचने का आरोप है। एजेंसी का कहना है कि श्रीलंका में तैनात चौथा पाकिस्तानी राजनयिक भी इस साजिश में शामिल था। यह कदम उस समय सामने आया है जब जांच एजेंसी इस मामले में इंटरपोल से मदद मांगने की तैयारी कर रही है। वह उन पाकिस्तानी अधिकारियों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस चाहती है जिन्हें कथित तौर पर इस्लामाबाद बुला लिया गया है।

फरवरी में एनआईए द्वारा दायर की गई चार्जशीट में जहां सिद्दीकी का नाम शामिल था वहीं तीन अन्य अधिकारियों की पहचान नहीं हो पाई थी। सिद्दीकी के अलावा दोनों पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों को वांटेड सूची में डाला गया है। एनआईए के मुताबिक 2009 से 2016 के बीच कोलंबो के वाणिज्य दूतावास में काम करते हुए इन अधिकारियों ने अपने सहयोगियों की मदद से चेन्नई और दक्षिण भारत के दूसरे इलाकों में हमले कराने की योजना बनाई थी। इसके लिए सिद्दीकी ने कथित रूप से श्रीलंकाई नागरिक मुहम्मद साकिर हुसैन और अन्य लोगों को ‘हायर’ किया था। उसके अन्य सहयोगियों में अरुण सेल्वराज, शिवाबालान और थमीम अंसारी शामिल थे जिन्हें एजेंसियों ने गिरफ्तार किया हुआ है।

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