कहते हैं कि संसद में बहस होगी तो जन कल्य़ाण की कुछ बातें निकल कर आएंगी। जनता के समस्याओं के हल निकाले जाएंगे। लेकिन वर्तमान समय में संसद में ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिल रहा। सोमवार को संसद में मॉब लिंचिंग पर बहस हुई और बीजेपी-कांग्रेस ने एक-दूसरे पर आरोप मढ़ते हुए मॉब लिंचिंग जैसे गंभीर मुद्दे पर कोई भी उम्दा हल नहीं निकाला। जहां एक तरफ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मॉब लिंचिंग के पीछे बीजेपी से जुड़े संगठनों का हाथ है वहीं बीजेपी सांसद हुकुमदेव ने बचाव पक्ष में कहा कि पीएम मोदी ने ऐसी घटनाओं की निंदा की है। इन घटनाओँ को काबू करने की जिम्मदारी राज्य सरकारों की है।

लोकसभा में सोमवार को कांग्रेस द्वारा मॉब लिंचिंग का मुद्दा उठाया गया। कांग्रेस की तरफ से मल्लिकार्जुन ने बीजेपी पर आरोप मढ़ते हुए कहा कि,  ‘आज पूरे देश में भय और आतंक का माहौल है, भीड़ द्वारा हत्‍याओं का सिलसिला थम नहीं रहा। क्या इस देश में सरकार और कानून है? 70 सालों में देश में ऐसी घटनाएं नहीं हुई थी।’ उन्होंने कहा, ‘सरकार अप्रत्यक्ष तरीके से विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और गो-रक्षकों को बढ़ावा दे रही है।’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘झारखंड और मध्यप्रदेश लिंचिंग सेंटर राज्य बन चुके हैं।’

वहीं कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए भाजपा नेता हुकुमदेव ने भी कांग्रेस पर कई सवाल दाग दिए। उन्होंने कहा कि कश्मीर में डीएसपी अयूब पंडित को जिस भीड़ ने मारा उसकी बात कांग्रेस नहीं करती। जुनैद की मौत ट्रेन में सीट को लेकर हुई थी फिर उसे धर्म से क्यों जोड़ा जा रहा है। साथ ही केरल में आरएसएस कार्यकर्ताओं को मारा जा रहा है, उसपर क्या कहना है? वहीं बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, ‘जिन मामलों के बारे में मिस्टर खड़गे बोल रहे हैं वो कोर्ट में हैं तो क्यों वो यह सब बता रहे हैं।’

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