मजबूर, असहाय और यतीम लड़कियों और महिलाओं को आश्रय देने के नाम पर देश भर में चल रहे यातना घरों की खबरें सुर्खियों में हैं। बिहार की राजधानी पटना, मुजफ्फरपुर से लेकर यूपी के देवरिया के शेल्टर होम्स में पड़े छापों में हैरान करने वाली तस्वीरें देश के सामने आई हैं। इन आश्रय घरों में रहने वाले लड़कियों का किस हद तक शारीरिक और मानसिक शोषण किया जाता है ये सबके सामने है। इन मामलों के सामने आने और सियासत गरमाने के बाद राज्य सरकारों ने शेल्टर होम्स की जांच के आदेश दिए हैं। जिसके बाद अब नोएडा में भी जब ऐसे ही एक बालिका गृह में छापा पड़ा तो राज्य महिला आयोग की सदस्यों की आंखें फटी की फटी रह गई।

घर, परिवार और समाज से ठुकराई गईं 10 सालसे 18 साल तक की मजबूर बेसहारा और यतीम 16 लड़कियां नोएडा के सेक्टर 12 स्थित इस सांईं कृपा बालिका गृह में रहती है। देवरिया कांड के बाद प्रदेश के बालिका गृहों की जांच कर रही राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा सिंह की अगुआई में जब टीम यहां जांच करने पहुंची तो यहां मिले सामान देखकर उनकी आंखें फटी रह गई।

सांई कृपा बाल कुटीर धाम नामक इस बालिका गृह को एक एनजीओ चलाता है। एनजीओ तकरीबन 30 साल पुराना है। जिसकी संचालिका अंजना राजगोपाल हैं। अभी वो सामने नहीं आई हैं। राज्य महिला आयोग की टीम को छोटे बच्चे भी मिले हैं। साथ ही छोटे-छोटे बच्चों के कपड़े भी मिले हैं। कायदे से ऐसे शेल्टर में बच्चों को नहीं रखा जा सकत।

राज्य महिला आयोग पूरे मामले की जांच की बात कह रही है। देश के दूसरे हिस्सों में महिलाओं के लिए यातना गृह बने शेल्टर होम्स की खबरों के बीच यहां की तस्वीर कुछ नहीं बहुत अलग है। जहां दूसरी जगहों पर सुविधाओं के नाम पर महिलाओं का शोषणा होता था। वहीं यहां सुख सुविधा के सारे सामान मौजूद मिले। एक अलमारी में तो बड़ी संख्या में सील बंद ब्रांडेड कपड़े मिले हैं। बिना उचित नियम कानून के चल रहे इस बालिका गृह में विलासिता के महंगे सामान की बरामदगी ही संदेह पैदा करने का सबसे कारण बन रही है। आखिर बालिका गृह में शराब की क्या जरूरत., महंगे परफ्यूम की क्या आवश्यकता पड़ती थी। उन्हें कौन इस्तेमाल करता था। ये कुछ ऐसे सवाल हैं। जिनके जवाब मिलने बाकी हैं।

ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन

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