बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के मुखिया नीतीश कुमार हट्ट से हट गए हैं। बीजेपी के साथ 50-50 फॉर्मूले पर बिहार में चुनाव लड़ने के लिए राजी हो गए हैं। इस बात की आधिकारिक घोषणा भी जल्द हो सकती है।

सूत्रो से मिली खबर के अनुसार नीतीश कुमार लंबे समय से जिद पर अड़े थे कि वे सभी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। पर अब खबर आ रही है कि वे बीजेपी के सामने खुद को समर्पित कर चुके हैं।

जेडीयू 122, बीजेपी 121

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तय फॉर्मूले के अनुसार जेडीयू 122 सीटों पर और भारतीय जनता पार्टी 121 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। जेडीयू बीजेपी की कई परंपरागत सीटों पर भी दावेदारी ठोक रही थी, लेकिन अब उन्होंने यह मांग भी छोड़ दी है।

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मेहनत रंग लाई नीतीश कुमार को सीट बंटवारे के लिए मना लिया है।

नीतीश कुमार जीतनराम मांझी को देंगे सीट

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नीतीश कुमार अपने खेमे से जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को सीट देंगे जबकि लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) को बीजेपी अपने कोटे से सीट देगी।

पर यहां पर उलझन ये है कि बीजेपी लोक जनशक्ति पार्टी को अपने कोटे से सीट तभी देगी अगर चिराग पासवान एनडीए का हिस्सा बने रहते हैं।पिछले कुछ दिनों से सीट बंटवारे को लेकर चिराग पासवान ने काफी कड़ा रुख दिखाया हैं और वह अकेले 143 सीटों पर चुनाव लड़ने के संकेत भी दे चुके हैं। 

बीजेपी और जेडीयू के बीच आखिरी दौर की बातचीत शनिवार दोपहर को पटना में हुई थी। शनिवार को जेडीयू के 4 बड़े नेता ललन सिंह, आरसीपी सिंह, विजय चौधरी और बिजेंदर यादव ने देवेंद्र फडणवीस, भूपेंद्र यादव के साथ 4 घंटे तक लंबी मैराथन बैठक की थी।

सूत्रों के मुताबिक बीजेपी इस बार नीतीश कुमार के दबाव में झुकने को तैयार नहीं थे। इसकी वजह से आखिरकार नीतीश कुमार को अपनी जिद छोड़नी पड़ी। 

इस बैठक के बाद देवेंद्र फडणवीस और भूपेंद्र यादव दिल्ली रवाना हो गए, जहां पर बीजेपी आलाकमान के साथ बातचीत में सीट बंटवारे के मुद्दे पर सहमति बन गई।

1 अक्टूबर से नामांकन

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बिहार में पहले चरण के मतदान के लिए 1 अक्टूबर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है मगर अब तक एनडीए में सीटों को लेकर बंटवारा नहीं हुआ है जिससे असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

पिछले कई दिनों से बीजेपी और जेडीयू में सीट बंटवारे को लेकर कई दौर की बातचीत हो चुकी है।  बिहार में 28 अक्टूबर से तीन चरणों में मतदान होना है जबकि नतीजे 10 नवंबर को आएंगे।

बता दें कि बिहार में लोकसभा के 40 सीटों में से 17-17 सीटों पर जेडीयू-बीजेपी ने चुनाव लड़ा था। इस दरम्यान उपेंद्र कुशवाहा के एनडीए छोड़ने की वजह से बची सीटें एलजेपी को दे दी गयी थी। इस फॉर्मूला के बाद एनडीए ने 40 में 39 सीटों पर जीत हासिल की थी।

2015 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने आरजेडी और कांग्रेस के साथ गठबंधन कर ‘बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार है’ का नारा देकर सरकार बनाई थी। लेकिन जुलाई 2017 में फिर से लालू परिवार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली थी।

इसके बाद जेडीयू ने 2020 विधानसभा चुनाव के लिए नारा बदल दिया, इस बार जेडीयू का नारा है ‘क्यूं करें विचार, ठीके तो हैं नीतीश कुमार’।

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