राजीव गाँधी हत्याकांड से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज सीबीआई से कहा है कि इस मामले की जांच आगे होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जैन कमीशन के निर्देशों के मुताबिक अभी इस मामले में और आगे तक जांच होनी चाहिए। कोर्ट ने सीबीआई को चार हफ्ते में रिपोर्ट दाख़िल करने को कहा है। आज की सुनवाई में कोर्ट ने सीबीआई से केस की प्रगति,आरोपियों के प्रत्यर्पण और कानूनी अड़चनों को लेकर भी जवाब माँगा है।

सुप्रीम कोर्ट यह सुनवाई इसी हत्याकांड में दोषी पाए गए पेरारिवलन द्वारा दायर याचिका पर कर रहा है। आपको बता दें कि पहले इसे फांसी की सजा मिली थी लेकिन दया याचिका में हुई देरी को आधार बनाकर सुप्रीम कोर्ट ने उसकी सजा को उम्र कैद में बदल दिया था। वह 26 सालों से जेल में है। पेरारिवलन ने याचिका में आरोप लगाया है कि सीबीआई ने राजीव गांधी की हत्या के पीछे बड़ी साजिश की जांच नहीं की है। इस मामले की अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी। 

सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि आरोपियों के प्रत्यर्पण होने तक इस केस की जांच पूरी नहीं हो सकती है। फ़िलहाल जांच चल रही है लेकिन यह बताना मुश्किल है की अभी इसमें कितना और वक़्त लग सकता है। यह सुनवाई राजीव गाँधी हत्याकांड के बाद दर्ज हुए दूसरे केस से सम्बंधित है। जिसमे कई आरोपी श्रीलंका समेत अन्य देशों के हैं। इन पर राजीव की हत्या का षड्यंत्र रचने और साज़िश का आरोप है। इस केस में कुल 11 आरोपी थे। जिनमे लिट्टे प्रमुख प्रभाकरण,पुट्टूअम्मन और अकीला जैसे नाम शामिल हैं। इनमे से 9 आरोपियों की मौत हो चुकी है जबकि दो आरोपी सीबीआई की पकड़ से आज भी दूर हैं। इसी मामले से जुड़े एक अन्य केस में मुरगन, निलिनी, पेरारिवलन समेत सात लोगों को सजा हो चुकी है और वह उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।

गौरतलब है कि राजीव गाँधी की हत्या 21 मई 1991 को तब कर दी गई थी जब वह तमिलनाडु के श्रीपेंरबदूर में एक रैली को संबोधित करने पहुंचे थे।

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