तीन तलाक पर एक बार फिर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और मोदी सरकार आमने-सामने आ गए हैं। तीन तलाक पर केंद्र सरकार की ओर से तैयार किए गए विधेयक को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने नामंजूर कर दिया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट द्वारा इंस्टैंट ट्रिपल तलाक को अवैध घोषित किए जाने के बाद केंद्र सरकार इस मामले पर कानून लाने जा रही है। मोदी सरकार ट्रिपल तलाक पर संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में बिल पेश करेगी। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस बिल पर चर्चा करते हुए इसे महिला विरोधी बताया है।
रविवार को लखनऊ में इस संबंध में पर्सनल लॉ बोर्ड की वर्किंग कमेटी की बैठक हुई। इस बैठक में तीन तलाक पर प्रस्तावित बिल को लेकर चर्चा की गई। कई घंटों चली बैठक के बाद बोर्ड ने इस बिल को खारिज करने का निर्णय लिया। बोर्ड के अध्यक्ष सज्जाद नोमानी ने कहा, ‘केंद्र सरकार की मौजूदा बिल को तैयार करने में वैध प्रक्रिया को नजरअंदाज किया गया है। किसी पक्षकार से भी राय नहीं ली गई है। हम प्रधानमंत्री मोदी से अपील करते हैं कि वे इस बिल को वापस लें और नए सिरे से सलाह लेकर नया विधेयक तैयार करवाएं.’
#NEWS: तीन तलाक पर बिल शरीयत के खिलाफ, तीन तलाक पर बिल सुप्रीम कोर्ट के भावना के खिलाफ, सरकार से अपील कानून बनाने से पहले बोर्ड से मशवरा करें: #AIMPLB
— APN न्यूज़ हिंदी (@apnlivehindi) December 24, 2017
बता दें कि तीन तलाक को आपराधिक बनाने के लिए सरकार बिल को अगले हफ्ते संसद में पेश करेगी। तीन तलाक को आपराधिक घोषित करने के लिए सरकार ने जो मसौदा बनाया है, उसके अनुसार एक बार में तीन तलाक देना अवैध माना जाएगा और इसके लिए पति को 3 साल की जेल भी हो सकती है। इसके जरिए जुबानी, लिखित या किसी इलेक्ट्रॉनिक तरीके से एकसाथ तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) को गैरकानूनी बनाया जाएगा। देखना यह है कि सरकार अब क्या बोर्ड से मशवरा लेकर बिल को आगे बढ़ाएगी।