केंद्र सरकार की खर्चों में कटौती का असर अब जजों पर भी लागू होगा। इसका सबसे बड़ा असर जजों के विदेशी दौरों पर भी दिखेगा। अभी तक जजों को सरकारी खर्चों पर विदेशी दौरा करने का मौका मिलता था लेकिन अब इस पर  जल्द ही रोक लगने वाली है।

Modi stop permission international conference for judgesकेंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट के जजों को कॉन्फ्रेंस में सिडनी जाने की मंजूरी नहीं दी है। इस सुविधा को लाल बत्ती दिखाते हुए सरकार ने कहा कि अदालतों में मुकदमों के ढेर लगे हुए हैं तो ऐसी स्थिती में एक ही हाईकोर्ट के जज एक ही कार्यक्रम में हिस्सा लेने विदेश दौरे पर कैसे जा सकते हैं। सरकार का मानना है कि इससे काम तो रूकता है ही उसी के साथ-साथ खर्चा भी बेहद होता है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि सरकार ने मंत्रियों और नौकरशाहों के ऐसे विदेशी दौरों पर रोक लगाई हो जो देश के हित में ज्यादा जरूरी न हो। केंद्र सरकार ने जजों के विदेशी दौरों को लेकर यह कदम उठाया तब उठाया जब दिल्ली हाई कोर्ट के चार से पांच न्यायाधीशों ने ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में महिला जजों की कॉन्फ्रेंस में जाने के लिए मंजूरी मांगी। बता दें कि इस मांगी गई मंजूरी में दौरे के दौरान कुछ ऐसे भी दिन थे जिसमें कोर्ट खुला होता है। जिसके चलते कोर्ट के काम पर भारी असर पड़ सकता था। इसलिए सरकार ने अदालतों के काम के ढेर और कोर्ट बंद न होने के चलते इस मंजूरी को खारिज कर दिया।

सरकार के ऊंचे तबके के अधिकारियों ने बताया कि जजों के विदेशी दौरों को लेकर गाइडलाइन को तय किया गया है। साथ ही आधिकारिक दौरे पर जाने के लिए सबसे पहले संबंधित हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से अनुमति लेनी पड़ती है। इस अनुमति के अंदर पूरा विवरण देना पड़ता है जैसे:- कहां से निमंत्रण मिला है, किसने बुलाया है, कितने दिन का कार्यक्रम है। इसके बाद दौरे की इजाजत कानून मंत्रालय, वित्त मंत्रालय तथा पीएमओ देता है।

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