केंद्र की मोदी सरकार अब एक ऐसी कंपनी देख रही है जो सोशल मीडिया के पोस्ट्स का विश्लेषण कर सके ताकि राष्ट्र भावना को बढ़ावा दिया जा सके। इसके अलावा विपक्षियों की ओर से मीडिया पर किए जाने वाले किसी तरह के हमले को समय रहते बेअसर किया जा सके।

भारतीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने ऑनलाइन टेंडर जारी करते हुए कहा कि वह एक ऐसी कंपनी चाहता है जो एनालिटिकल सॉफ्टवेयर दे पाएं और 20 लोगों की प्रोफेशनल की टीम के साथ सरकार के लिए रियल टाइम न्यू मीडिया कमांड रुम की सुविधा दे सकें।

इसमें कहा गया कि वे ट्वीटर, यूट्यूब, लिंक्डइन, इंटरनेट फोरम्स और यहां तक की ईमेल तक को मॉनिटर करें ताकि भावनाओँ का विश्लेषण, फेक न्यूज़ की पहचान, सरकार के आधार पर सूचना का प्रसार करने, भारत की सही तस्वीर पेश करते हुए न्यूज़ और सोशल मीडिया पोस्ट्स को बढ़ावा दिया जा सके।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रशासन में भारत के मंत्रालयों और कैबिनेट मंत्रियों ने सोशल मीडिया पर बड़े ही सक्रिय तरीके से काम किया है। साथ ही, नई पॉलिसियों को ट्वीट कर रहे हैं और जनता से रू-ब-रू हो रहे हैं। लेकिन  इस टेंडर से यह पता चलता है कि मोदी सरकार अब कही ज्यादा शक्तिशाली सोशल मीडिया टूल चाहती है ताकि भारत के बारे में सकारात्मक चीजें दे पाएं और राज्य और राष्ट्रीय चुनावों में देशभक्ति की भावना को प्रोत्साहित किया जा सके।

बता दें कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय पिछले दिनों भी कई फरमानों को लेकर विवादों में रह चुका है। पिछले दिनों सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की तरफ से एक बयान जारी कर, गलत जानकारी के साथ खबरें चलाने वाले पत्रकारों की मान्यता रद्द करने की बात कही गई थी, हालांकि बाद में पीएमओ के हस्तक्षेप के बाद इस आदेश को वापस ले लिया गया था।

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