जम्मू कश्मीर में जवानो की शहादत और पत्रकार की हत्या पर दुख व्यक्त करते हुए बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने केन्द्र सरकार को कश्मीर नीति पर पुर्नविचार करने की सलाह दी है। मायावती ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा, कि सीमावर्ती राज्य में जवानों की लगातार हो रही शहादत के बीच कश्मीर में वरिष्ठ सम्पादक सुजात बुख़ारी की हत्या अफसोसजनक है। अब समय आ गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार अपनी अडियल नीति को त्याग कर बगैर देरी किए देशहित में अपनी कश्मीर नीति पर पुनर्विचार करे।

उन्होंने कहा कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की गठबंधन सरकार में घाटी के हालात लगभग बेकाबू है। पाकिस्तान सीमा के साथ राज्य के अंदरूनी हिस्से में भी हिंसा व हत्याओं का दौर थमने का नाम नही ले रहा है।

बसपा अध्यक्ष ने कहा, कि केन्द्र सरकार को कश्मीर नीति मे परिवर्तन लाना चाहिए तथा राजनीतिक स्तर पर भी सुधार के प्रयास तेज करने चाहिये। भाजपा की कश्मीर नीति जनहित व देशहित पर आधारित नहीं होकर संकीर्ण राजनीतिक सोच से ज्यादा प्रभावित है और यही कारण है कि भाजपा का जम्मू नेतृत्व स्वार्थ में लिप्त है जिससे जम्मू क्षेत्र तनाव व हिंसा का शिकार है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की जनता के साथ वैसा तल्ख़ कड़वा व्यवहार कतई नहीं होना चाहिये जैसा पाक अधिकृत कश्मीर में हो रहा है। उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर जनहित व जनकल्याण की उपेक्षा किए जाने का आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इतिहास को चुनौती देने की बजाय उन मेधावी छात्रों की सुध लेनी चाहिये जो उनके हाथ से लिए गए इनामी रकम के चेक बाउन्स होने से दुःखी और आहत हैं। भाजपा ने लगभग सवा साल के कार्यकाल मे समाज के हर वर्ग का जीवन काफी दुःखदायी बना दिया है। अपराध-नियंत्रण, कानून-व्यवस्था तथा विकास व जनहित का काफी बुरा हाल है।

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