Mann Ki Baat Live Updates: साल 2022 का आखिरी ‘Mann Ki Baat’ कार्यक्रम, PM मोदी ने गिनाई इस साल की बड़ी उपलब्धियां

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Mann Ki Baat Live Updates
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Mann Ki Baat Live Updates: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 दिसंबर को सुबह 11 बजे ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। यह 96 एपिसोड है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने पिछले हफ्ते देशवासियों से अपने विचार भेजने की अपील की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा था कि 2022 की आखिरी ‘मन की बात’ इसी महीने की 25 तारीख को होगी। मैं इस कार्यक्रम पर आपके विचार सुनने के लिए उत्सुक हूं।

बता दें कि PM Modi ने क्रिसमस फेस्टिवल पर लोगो को ट्वीट के माध्यम से बधाई भी दी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि क्रिसमस की बधाई! यह विशेष दिन हमारे समाज में सद्भाव और आनंद की भावना को आगे बढ़ाए। हम प्रभु ईसा मसीह के नेक विचारों और समाज की सेवा पर जोर देने का स्मरण करते हैं।

Mann Ki Baat Live Updates………….

  • स्वच्छ भारत मिशन- मुझे खुशी है कि ‘स्वच्छ भारत मिशन’ आज हर भारतीय के मन में रच-बस चुका है। साल 2014 में इस जन आंदोलन के शुरू होने के साथ ही, इसे, नयी ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए, लोगों ने, कई अनूठे प्रयास किये हैं और ये प्रयास सिर्फ समाज के भीतर ही नहीं बल्कि सरकार के भीतर भी हो रहे हैं। लगातार इन प्रयासों का परिणाम यह है – कूड़ा कचरा हटने के कारण, बिन जरुरी सामान हटने के कारण, दफ्तरों में काफी जगह खुल जाती है, नया space मिल जाता है।
  • 100वें episode में हम क्या बात करें, उसे कैसे खास बनायें, इसके लिए आप मुझे अपने सुझाव भेजेंगे तो मुझे बहुत अच्छा लगेगा। पीएम मोदी ने कहा कि अगली बार हम वर्ष 2023 में मिलेंगे। मैं आप सभी को वर्ष 2023 की शुभकामनायें देता हूं। ये वर्ष भी देश के लिए खास रहे, देश नई ऊँचाइयों को छूता रहे, हमें मिलकर संकल्प भी लेना है, साकार भी करना है।
  • कला-संस्कृति- कला, साहित्य और संस्कृति समाज की सामूहिक पूंजी होते हैं, वैसे ही इन्हें, आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी भी पूरे समाज की होती है। महाराष्ट्र के पालघर जैसे क्षेत्रों में भी आदिवासी समाज के लोग बैम्बू से कई खुबसूरत Products बनाते हैं | बैम्बू से बनने वाले Boxes, कुर्सी, चायदानी, टोकरियाँ, और ट्रे जैसी चीजें खूब लोकप्रिय हो रही हैं। ये लोग बैम्बू घास से खुबसूरत कपड़े और सजावट की चीजें भी बनाते हैं | इससे आदिवासी महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है, और उनके हुनर को पहचान भी मिल रही है।

कर्नाटक के एक दंपति सुपारी के रेशे से बने कई unique products international market तक पहुंचा रहे हैं। कर्नाटक में शिवमोगा के ये दम्पति हैं – श्रीमान सुरेश और उनकी पत्नी श्रीमती मैथिली। इससे हमारी पहचान भी मजबूत होगी, स्थानीय अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी, और, बड़ी संख्या में, लोगों का भविष्य भी उज्जवल होगा। भारत के इस पारंपरिक ज्ञान में दुनिया, sustainable future के रास्ते देख रही है। हमें, खुद भी इस दिशा में ज्यादा से ज्यादा जागरूक होने की जरुरत है। हम खुद भी ऐसे स्वदेशी और local product इस्तेमाल करें और दूसरों को भी ये उपहार में दें।

  • हमारे देश में अपनी कला-संस्कृति को लेकर एक नई जागरूकता आ रही है, एक नई चेतना जागृत हो रही है | ‘मन की बात’ में, हम, अक्सर ऐसे उदाहरणों की चर्चा भी करते हैं। गंगा का Ecosystem clean होने से, आजीविका के अन्य अवसर भी बढ़ रहे हैं। यहां कल्पेनी द्वीप पर एक क्लब है – कूमेल ब्रदर्स चैलेंजर्स क्लब। ये क्लब युवाओं को स्थानीय संस्कृति और पारंपरिक कलाओं के संरक्षण के लिए प्रेरित करता है। यहाँ युवाओं को लोकल आर्ट कोलकली, परीचाकली, किलिप्पाट्ट और पारंपरिक गानों की ट्रेनिंग दी जाती है।
  • हिल्सा मछली, गंगा डॉल्फिन और कछुवों की विभिन्न प्रजातियों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। गंगा का Ecosystem clean होने से, आजीविका के अन्य अवसर भी बढ़ रहे हैं।
  • कोरोना केस- आप भी देख रहे हैं कि, दुनिया के कई देशों में कोरोना बढ़ रहा है। इसलिए हमें, मास्क और हाथ धुलने जैसी सावधानियों का और ज्यादा ध्यान रखना है। हम सावधान रहेंगे, तो सुरक्षित भी रहेंगे और हमारे उल्लास में कोई रूकावट भी नहीं पड़ेगी।
  • Evidence- based medicine- लेकिन बात जब आधुनिक Medical Science की हो, तो उसमें सबसे महत्वपूर्ण होता है – प्रमाण- Evidence.मुझे ख़ुशी है कि Evidence- based medicine के युग में, अब योग और आयुर्वेद, आधुनिक युग की जांच और कसौटियों पर भी खरे उतर रहे हैं।” Tata Memorial Centre द्वारा की गई एक Intensive Research में सामने आया है कि Breast (ब्रेस्ट) Cancer के मरीजों के लिए योग बहुत ज्यादा असरकारी है। आज के युग में, भारतीय चिकित्सा पद्दतियां, जितनी ज्यादा Evidence-based होंगी, उतनी ही पूरे विश्व में उनकी स्वीकार्यता, बढ़ेंगी। इसी सोच के साथ, दिल्ली के AIIMS में भी एक प्रयास किया जा रहा है।

इनके अलावा कई और बीमारियों में भी योग के benefits को लेकर study की जा रही है। जैसे Heart Disease, Depression, Sleep Disorder और Pregnancy के दौरान महिलाओं को होने वाली समस्यायें। सबका प्रयास की इसी भावना से, हम, भारत को 2025 तक टी.बी. मुक्त करने के लिए भी काम कर रहे हैं। आपने देखा होगा, बीते दिनों, जब, टी.बी. मुक्त भारत अभियान शुरू हुआ, तो हजारों लोग, टी.बी. मरीजों की मदद के लिए आगे आए।

  • वीर बाल दिवस– कल 26 दिसम्बर को ‘वीर बाल दिवस’ है और मुझे इस अवसर पर दिल्ली में साहिबजादा जोरावर सिंह जी और साहिबजादा फ़तेह सिंह जी की शहादत को समर्पित एक कार्यक्रम में शामिल होने का सौभाग्य मिलेगा। देश, साहिबजादे और माता गुजरी के बलिदान को हमेशा याद रखेगा।
  • 2022 की सफलता को एक एपिसोड में समेटना मुश्किल- “‘मन की बात’ का अगला एपिसोड वर्ष 2023 का पहला एपिसोड होगा। आप लोगों ने जो सन्देश भेजे, उनमें जाते हुए 2022 के बारे में बात करने को भी बड़े आग्रह से कहा है।” अतीत का अवलोकन तो हमेशा हमें वर्तमान और भविष्य की तैयारियोँ की प्रेरणा देता है। 2022 में देश के लोगों का सामर्थ्य, उनका सहयोग, उनका संकल्प, उनकी सफलता का विस्तार इतना ज्यादा रहा कि ‘मन की बात’ में सभी को समेटना मुश्किल होगा। 2022 वाकई कई मायनों में बहुत ही प्रेरक रहा, अद्भुत रहा। इस साल भारत ने अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे किये और इसी वर्ष अमृतकाल का प्रारंभ हुआ। इस साल देश ने नई रफ़्तार पकड़ी, सभी देशवासियों ने एक से बढ़कर एक काम किया।” “इन सबके साथ ही साल 2022 एक और कारण से हमेशा याद किया जाएगा, ये है ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना का विस्तार।”
  • 2022 में देशवासियों ने एक और अमर इतिहास लिखा है। अगस्त के महीने में चला ‘हर घर तिरंगा’ अभियान भला कौन भूल सकता है। वो पल थे जिससे हर देशवासी के रौंगटे खड़े हो जाते थे। आजादी के 75 वर्ष के इस अभियान में पूरा देश तिरंगामय हो गया।” 6 करोड़ से ज्यादा लोगों ने तो तिरंगे के साथ Selfie भी भेजीं। आजादी का ये अमृत महोत्सव अभी अगले साल भी ऐसे ही चलेगा – अमृतकाल की नींव को और मजबूत करेगा।
  • G-20 समूह- इस साल भारत को G-20 समूह की अध्यक्षता की जिम्मेदारी भी मिली है। मैंने पिछली बार इस पर विस्तार से चर्चा भी की थी। साल 2023 में हमें G-20 के उत्साह को नई ऊंचाई पर लेकर जाना है, इस आयोजन को एक जन-आंदोलन बनाना है।
  • आज, हम सभी के अटल बिहारी वाजपयी जी का जन्मदिन भी है। वे एक महान राजनेता थे, जिन्होनें देश को असाधारण नेतृत्व दिया। हर भारतवासी के ह्रदय में उनके लिए एक खास स्थान है। मुझे कोलकाता से आस्था जी का एक पत्र मिला है | इस पत्र में उन्होंने हाल की अपनी दिल्ली यात्रा का जिक्र किया है। वे लिखती हैं कि इस दौरान उन्होंने PM Museum देखने के लिए समय निकाला । इस Museum में उन्हें अटल जी की Gallery खूब पसंद आई।

पेज अपडेट जारी है…

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