केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ा एक पत्र लिखा है। उन्होंने बताया, ‘मैंने हर राजनीतिक पार्टी के अध्यक्ष को पत्र लिखकर विनती की है कि वे आंतरिक रूप से शिकायत कमेटी की शुरुआत करें।’ मेनका इससे पहले भी मी टू अभियान का समर्थन कर चुकी हैं। मेनका गांधी ने बताया कि उन्होंने 6 राष्ट्रीय दल और 59 क्षेत्रीय दलों के अध्यक्ष को यौन शोषण के मामलों में आंतरिक शिकायत कमेटी बनाने के पत्र लिखा है। हम महिलाओं के साथ वर्कप्लेस पर होने वाले हर तरीके के शोषण तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।

बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा- हर राजनीतिक पार्टी के दफ्तर में हजारों लोग काम करते हैं, इनमें महिलाएं भी शामिल हैं। हमारा कर्तव्य है कि हम महिलाओं को काम करने के लिए सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराएं। इसलिए सभी राजनीतिक दलों के दफ्तरों में 2013 के सेक्सुअल हैरेसमेंट एक्ट के तहत कमेटी बनाई जाएं। सेक्सुअल हैरेसमेंट एट वर्कप्लेस एक्ट के सेक्शन 4 के तहत जिन संस्थान में महिलाएं काम करती हैं, वहां आंतरिक कमेटी अनिवार्य होती है और संस्थान की वरिष्ठ महिला कर्मचारी इसकी अध्यक्ष होनी चाहिए।

इससे पहले भी मेनका ने मी टू का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि जिन महिलाओं का उत्पीड़न होता है, वे उस घटना को कभी नहीं भूलतीं। वे खुश हैं कि भारत में मी टू अभियान शुरू हुआ। लेकिन इसका गलत इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।

मी टू अभियान शुरू होने के बाद से यौन उत्पीड़न के एक के बाद एक मामले सामने आ रहे हैं। भाजपा के राज्यसभा सांसद एमजे अकबर पर 16 महिलाओं ने यौन उत्पीड़ने के आरोप लगाए हैं। इसके चलते बुधवार को उन्हें विदेश राज्य मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। अकबर के अलावा अभिनेता नाना पाटेकर, आलोक नाथ, फिल्म निर्माता सुभाष घई, साजिद खान और रजत कपूर, पत्रकार विनोद दुआ पर यौन उत्पीड़न के आरोप लग चुके हैं।

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