देश में महिलाओं और बच्चियों के साथ होने वाले अपराधों की गिनती में बढ़ोत्तरी होती जा रही हैं। युवतियों और किशोरियों के साथ आए दिन होने वाले अपराधों में ‘रेप’ और ‘गैंगरेप’ सबसे जघन्य अपराधों की श्रेणी में आते हैं। बच्चियों के साथ हर दिन रेप जैसा घिनौना अपराध घटित होने के बावजूद भी हमारे देश में रेप के प्रति कोई भी कठोर कानून नहीं बनाया गया है। किसी भी कठोर कानून की गैर-मौजूदगी में इन अपराधियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं और ये निर्दयी अपराधी देश की बेटियों को सिर्फ उपभोग की वस्तु समझने लगे हैं।

2012 में दिल्ली में हुए दर्दनाक निर्भया काण्ड में दोषियों को फांसी की सजा दी गई थी, उस सबके बाद भी देश के कुछ आपराधिक मानसिकता से पीड़ित युवा इससे सबक नहीं ले रहे हैं। इससे एक बात साबित होती है कि लोगों की अकल पर पत्थर पड़ चुके हैं। लेकिन अब मध्य प्रदेश सरकार ने ऐसे मनचलों और आपराधिक मानसिकता वाले अपराधियों को सबक सिखाने के लिए एक नया कानून पारित किया है।

अपराधी पहनेगा फांसी का फंदा-

Rape and gangrape of children under 12 years of age will be hanged.मध्य प्रदेश सरकार ने ये निर्णय लिया है, कि मासूम बच्चियों की जिंदगी खराब करने वाले और उनको जिंदगी भर का दर्द देने वाले दोषियों को जीने का कोई हक नहीं हैं। इसलिए इस नए कानून के तहत ‘12 वर्ष’ या उससे कम उम्र की लड़कियों के साथ रेप या गैंगरेप करने वाले अपराधियों को फांसी की सजा दी जाएगी। रविवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ऐसे अपराधियों को फांसी की सजा देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है।

इस कैबिनेट बैठक का आयोजन ‘मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में किया गया था प्रदेश के ‘वित्त मंत्री जयंत मलैया’ ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा-कि प्रदेश की बेटियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की हैं और सरकार अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाएगी। 12 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों के साथ अपराधिक घटनाओं की रोकथाम के लिए ही इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई हैं और हमें पूरी उम्मीद हैं, कि फांसी की सजा के डर से बच्चियों के प्रति होने वाले रेप की घटनाओं में जरूरी कमी आएगी।

घूरना पड़ेगा शोहदों को भारी-

‘सीएम शिवराज सिंह चौहान’ की अध्यक्षता में भादंवि की धारा 376 (रेप) और 376 डी (गैंगरेप) में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इस नए कानून के अंतर्गत दोनों धाराओं में दोषी को फांसी की सजा देने का प्रावधान शामिल किया गया है। इस बैठक में मत्रिमंडल ने महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और उन्हें घूरने जैसे मामलों में दोषियों को सजा के साथ ‘एक लाख रुपये’ के जुर्माने का प्रावधान करने का भी प्रस्ताव मंजूर किया है।

मध्य प्रदेश में लगातार बच्चियों के साथ रेप की वारदातों में इजाफा हो रहा था। जिसके बाद सरकार को लगातार जनता के गुस्से का सामना करना पड़ रहा था। जनता को शांत करने के लिए इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। लेकिन देखने वाली बात ये होगी कि क्या सरकार का अपराधियों पर शिकंजा कसने का ये प्लान काम करेगा या फिर पिछले कानूनों और वादों की तरह खोखला साबित होगा।

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