मध्‍य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान लोक लुभावन वादे कर सत्‍ता संभालने जा रही कांग्रेस पार्टी का सामना जल्द ही भारी भरकम कर्ज से होने वाला है। ऐसे में उनके लिए अपने ‘वचन पत्र’ को लागू करना टेढ़ी खीर साबित हो सकता है।

नई सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती किसानों की कर्जमाफी ही बनने वाली है, क्योंकि किसानों का करीब 65,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। वहीं सरकार का खजाना खाली है और सरकार पहले ही पौने दो लाख करोड़ के कर्ज में डूबी हुई है।

कांग्रेस विधायक दल के नेता चुने जाने के बाद कमलनाथ ने साफ किया है कि मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद प्राथमिकता कृषि क्षेत्र और बेरोजगारी होगा। कृषि क्षेत्र हमारे प्रदेश की अर्थव्यवस्था का मुख्य हिस्सा है, वहीं हमारे लिए बेरोजगारी सबसे बड़ी चुनौती है।

बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी रैलियों में किसानों से वादा किया था कि अगर मध्य प्रदेश में उनकी सरकार बनी तो 10 दिन के अंदर किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा और अगर कर्ज माफ नहीं हुआ तो मुख्यमंत्री को भी बदल दिया जाएगा।

उधर, सचिवालय के अधिकारियों ने भी राज्‍य की आर्थिक ‘सेहत’ से जुड़े आंकड़े तैयार करना शुरू कर दिया है ताकि अगले कुछ दिनों में उसे नए सीएम के सामने पेश किया जा सके।

DuX1 9tV4AEIqqsसूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य के किसानों पर लगभग 65,000 करोड़ का बकाया है, बड़ी संख्या दो लाख से कम कर्ज वाले किसानों की है। कांग्रेस ने जिस दिन से कर्जमाफी का ऐलान किया था, उसी दिन से बैकों की वसूली प्रभावित हो गई थी।

इससे पहले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कांग्रेस को चुनाव के दौरान किए गए वादे को याद दिलाते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार बनने के 10 दिनों के भीतर किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था, लिहाजा उन्हें अपना वचन पूरा करना चाहिए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here