गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में किसानों ने ट्रैक्टर रैली की आड़ में जो उत्पात मचाय है उससे दिल्ली की शरीर पर गहरी चोट लगी है। दिल्ली के दिल से बहते लहू को देखकर देश की जनता का खून उबल रहा है। किसानों का पक्ष लेनी वाली जनता अब उनके ही खिलाफ हो गई है। किसानों के आंदोलन की खिलाफत कर रही है।

बॉर्डर खाली करो के लगाए नारे

गाजीपुर बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पर स्थानीय लोग 27 जनवरी से ही किसानों को धरना स्थल से खदेड़ने में जुटे हैं। लोगों का कहना है कि, झंडे का अपमान नहीं सहेंगे। तीनों बॉर्डर पर कल सी ही हालात तनावपूर्ण बने हैं। इसी बीच सिंघु बॉर्डर पर कुछ कथित स्थानीय लोग तिरंगा, हाथ में पत्थर और तलवार लेकर आंदोलन कर रहे किसानों के साथ भीड गए।

स्थानीय लोगों ने किसानों पर जमकर पथराव किया जिसके बाद पुलिस ने उन्हें काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठी चार्ज भी किया।

SHO प्रदीप पालीवाल घायल

स्थानीय लोग ‘सिंघु बॉर्डर खाली करो’ के नारे लगाते हुए आगे बढ़ने लगे इस अफरातफरी के बीच प्रदर्शनकारी की तलवार से अलीपुर के SHO प्रदीप पालीवाल घायल हो गए।

बताया जा रहा है की सिंघु बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को वहां से हटाने के लिए बवाना और नरेला से कथित तौर पर स्थानीय लोग पहुंचे थे। उन्होंने किसानों पर पत्थरबाजी की और गालियां दीं। कुछ किसानों को लाठियां भी मारी गईं।

स्थानीय लोगों पर पुलिस ने किया लाठी जार्ज

काफी समय तक पुलिस ने कथित स्थानीय लोगों को समझाया, लेकिन जब हालात बेकाबू होने लगे तो पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े और लाठियां भांजनी पड़ी।

लंबे समय तक सिंघु बॉर्डर पर हालात खराब रहे हालांकि समय के साथ इसे काबू में कर लिया गया है। बता दें कि 26 जनवरी हिंसे के बाद किसानों के आंदोलन की आग बूझ रही थी इसी दौरान किसान नेता राकेश सिंह टिकैत ने भावुक अंदाज में किसानों से गाजीपुर बॉर्डर आने की अपील की जिसके बाद वहां पर किसानों का जन सैलाब उमड़ पडा।

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