चारा घोटाले से जुड़े मामले में सजा काट रहे आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने रांची की सीबीआई की विशेष अदालत में सरेंडर कर दिया। लालू 10 मई को अपने बेटे तेजप्रताप यादव की शादी के लिए बाहर आए थे, जिसके बाद अब करीब 110 दिन बाद वो जेल लौटे। जिसके बाद लालू को कोर्ट से जेल ले जाया गया। इसके बाद उन्हें रिम्स अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया।

सरेंडर करने से पहले लालू यादव ने कहा कि उन्हें न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है, जो भी कोर्ट का आदेश होगा वो उसका पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी कोई इच्छा नहीं है। हालांकि, लालू ने कहा कि रिम्स अस्पताल में सुविधाओं की कमी है, वहां पर इन्फेक्शन फैला हुआ है। लालू यादव, पिछले कई दिनों से प्रोविजनल बेल पर थे, वो मुंबई में अपना इलाज करा रहे थे।

रांची में लगा दिग्गजों का तांता

लालू के सरेंडर करने से पहले रांची में उनसे मिलने वालों का तांता लगा रहा जिसमे जीतन राम मांझी, झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन, पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के नेता सुबोधकांत सहाय, आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद समेत आरजेडी और विपक्ष के कई नेता शामिल थे। लालू से मुलाकात करने के बाद बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राजनीति के कारण बीजेपी लालू यादव पर शिकंजा कस रही है। इस सरकार का बस चले तो दलितों की आवाज उठाने वालों पर गोली चलवा दे।

बीते 27 अगस्त को लालू की जमानत की मियाद पूरी हो रही थी। इससे पहले लालू ने अदालत से औपबंधिक जमानत की अवधि तीन महीने और बढ़ाने की अपील की थी जिसे अदालत ने अस्वीकार करते हुए उन्हें 30 अगस्त तक सीबीआई अदालत में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था।

ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन

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