आयरलैंड की लेखिका एना बर्न्स को उनकी किताब ‘मिल्कमैन’ के लिए प्रतिष्ठित मैन बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। मंगलवार को उन्हें यह सम्मान दिया गया। बर्न्स को इस पुरस्कार के साथ 50 हजार पाउंड भी दिए जाएंगे। बर्न्स की किताब को लेकर जजों ने कहा कि मिल्कमैन अद्भुत किताब है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस किताब में उस युवती के दर्द का बखूबी अहसास कराया गया है। इस ऐलान के साथ ही एना बर्न्स पहली नॉर्दन आईरिश लेखिका बन गई हैं। बता दें कि उनकी यह तीसरी किताब थी।

बर्न्स की लिखी ‘मिल्कमैन’ किताब एक महिला के शादीशुदा शख्स के साथ अफेयर की कहानी है। साथ ही यह महिला एक ऐसे शख्स का सामना कर रही थी, जो यौन उत्पीड़न के लिए पारिवारिक रिश्तों, सामाजिक दबाव और राजनीतिक निष्ठा जैसे हथियारों का इस्तेमाल कर रहा था।

पुरस्कार का निर्णय लेने वाले जजों ने बताया कि बर्न ने अपनी इस किताब में डार्क ह्यूमर का बेहतरीन प्रयोग किया है। लेखक, दार्शनिक और जज में से एक क्वाम एंथोनी एपियाह ने कहा कि हम सबमें से किसी ने भी इस तरह का कुछ भी नहीं पढ़ा था। उन्होंने कहा कि एना बर्न की इस किताब में क्रूरता व यौन शोषण को ह्यूमर के साथ प्रस्तुत किया गया है।

आपको बता दं कि 56 साल की एना आइरिश लेखिका हैं। वह 1987 में लंदन में रहने लगी थीं। उनकी पहली किताब ‘नो बोंस’ थी। उनके बाकी उपन्यासों में ‘लिटिल कंस्ट्रक्शंस’ और ‘मोस्टली हीरोज’ हैं।  पाठकों के बीच वह अपनी अद्भुत लेखन शैली के लिए जानी जाती हैं। यह पुरस्कार जीतने वाली वह पहली उत्तरी आइरिश लेखिका हैं।

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