केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद से रेलवे का आधुनिकीकरण बहुत तेजी से हुआ है। इतना ही नहीं सरकार ने रेलवे ने कुछ ऐसे काम भी किए हैं जो मील का पत्थर साबित हो रहे हैं।
इसी कढ़ी में अब भारतीय रेल के डीज़ल लोकोंमेटिव वर्क्स ने विश्व का पहला डीज़ल रेल इंजन को इलेक्ट्रिक रेल इंजन में बदलने का कार्य पूरा कर लिया है।
वाराणसी के डीजल रेल इंजन कारखाना ने विश्व में पहली बार डीजल रेल इंजन को इलेक्ट्रिक रेल इंजन में बदलकर स्वर्णिम इतिहास रच दिया हैं।
मेक इन इंडिया पहल के अंतर्गत स्वदेशी तकनीक अपनाते हुए डीज़ल रेल कारख़ाने ने डब्लूएजीसी 3 श्रेणी के रेल इंजन से शुरुआत की है।
आपको बता दे यह इलेक्ट्रिक रेल इंजन माल गाड़ी (फ़्रेट वर्क) में उपयोग किया जायेगा। यह इंजन प्रदूषण मुक्त है और डीज़ल इंजन के मुक़ाबले बेहतर स्पीड और 10 हजार होर्स पावर की क्षमता देने में कारगर हैं।
यह ब्रॉडगेज नेटवर्क को पूरी तरह विद्युतीकृत करने के प्रयासों का हिस्सा है। इससे लोकोमोटिव की क्षमता 2600 एचपी से बढ़कर 5000 एचपी हो गयी है।
रेलवे ने गुरुवार को बताया कि अवधारणा से लेकर डीजल लोकोमोटिव को इलेक्ट्रिक इंजन में बदलने तक का काम महज 69 दिन में पूरा किया गया।
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने भी ट्वीट किया है। जो भारतीय रेल के भविष्य को दिखाता हैं।
In a first of its kind initiative, Railways has converted a Diesel Locomotive to an Electric Engine in a record time of 69 days, almost doubling the engine’s power capacity and helping save crores in rehabilitation while reducing our carbon footprint https://t.co/VQSFzMvNu2 pic.twitter.com/4sDN9ifyHz
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) December 6, 2018