वो दिन दूर नहीं जब भारतीय सेना को कई आधुनिक हथियार एक साथ प्राप्त होंगे। एक तरफ राफेल विमान पर समझौता हो चुका है औऱ भारतीय सेना ने इसका खुलकर समर्थन भी किया है। तो वहीं दूसरी तरफ भारतीय सेना को एक ऐसा रक्षा कवच मिलने वाला है जो उनको परमाणु हमले के दौरान जवानों के उपचार और उनके बचाव के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। परमाणु चिकित्सा और सहयोगी विज्ञान संस्थान (INMAS) ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए एक किट का निर्माण किया है। संस्थान द्वारा पहली स्वदेशी एंटी न्यूक्लियर मेडिकल किट तैयार कर ली गई है। किट को बनाने में INMAS को  20 साल से ज्यादा का समय लग गया।

इस किट से भारतीय सेना को काफी मजबूती मिलेगी। इसके साथ ही पाकिस्तान और चीन को युद्ध भूमि में परास्त करने के लिए ये किसी ‘कर्ण कवच’ से कम नहीं है।  इससे परमाणु युद्ध या रेडियोधर्मी रिसाव की वजह से गंभीर रूप से घायल लोगों को उपचार दिया जा सकेगा। यह किट पूर्ण रूप से ‘मेड इन इंडिया’ भी है। इस किट में करीब 25 सामग्री हैं, जिनका अलग-अलग इस्तेमाल किया जा सकता है। NMAS के डायरेक्टर ए के सिंह ने बताया कि स्वदेशी रूप से इस किट का बनना भारत को काफी फायदा देगा। अबतक भारत इस किट को रणनीतिक रूप से उन्नत राष्ट्रों जैसे रूस और अमेरिका से खरीदता था, जिसके लिए भारी कीमत चुकानी होती थी।

इसमें रेडिएशन के असर को कम करनेवाले रेडियो प्रटेक्टर, बैन्डेज, गोलियां, मलहम आदि शामिल हैं। किट में हल्के नीले रंग की गोलियां हैं, जो रेडियो सेसियम (Cs-137) और रेडियो थैलियम आदि के असर को लगभग खत्म कर देती हैं। ये खतरनाक तत्व किसी भी परमाणु बम का हिस्सा होते हैं जो मानव शरीर की कोशिकाओं को नष्ट कर देते हैं।

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